संयुक्त राष्ट्र. वर्ष 2023 में 59 देशों के करीब 28.2 करोड़ लोग भूख से तड़पने को मजबूर हुए और युद्धग्रस्त गाजा में सबसे ज्यादा लोगों ने अकाल की गंभीर स्थिति का सामना किया दक्षिणी सूडान, बुर्किना फासो, सोमालिया और माली में हजारों लोग भूख से तड़प रहे हैं. रिपोर्ट में भावी परिदृश्य का अनुमान लगाया है कि गाजा में लगभग 11 लाख लोग और दक्षिण सूडान में 79 हजार लोग जुलाई तक पांचवे चरण में पहुंच सकते हैं और अकाल का सामना करने के लिए मजबूर हो सकते हैं.
दक्षिणी सूडान, बुर्किना फासो, सोमालिया और माली में हजारों लोग भूख से तड़प रहे हैं. रिपोर्ट में भावी परिदृश्य का अनुमान लगाया है कि गाजा में लगभग 11 लाख लोग और दक्षिण सूडान में 79 हजार लोग जुलाई तक पांचवे चरण में पहुंच सकते हैं और अकाल का सामना करने के लिए मजबूर हो सकते हैं. साल 2023 में 59 देशों के करीब 282 मिलियन लोग भूख से पीड़ित होने को मजबूर हुए और सबसे ज्यादा लोगों को युद्धग्रस्त गाजा में भीषण अकाल की स्थिति का सामना करना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपनी ‘खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी. रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से गाजा पट्टी और सूडान में खाद्य सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति के कारण 2022 में 24 मिलियन से अधिक लोगों को भोजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा.
रिपोर्ट में खाद्य संकट वाले देशों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जिनकी निगरानी की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें 5 देशों के 705,000 लोग पांचवें चरण में हैं, जो उच्चतम स्तर माना जाता है. उन्होंने बताया कि यह संख्या वर्ष 2016 में वैश्विक रिपोर्ट जारी होने की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है और 2016 में दर्ज संख्या की तुलना में यह चार गुना बढ़ गई है.
रिपोर्ट में अर्थशास्त्री ने बताया कि गंभीर अकाल का सामना कर रहे लोगों में से 80 फीसदी लोग यानि 577,000 सिर्फ गाजा में हैं. वहीं, दक्षिणी सूडान, बुर्किना फासो, सोमालिया और माली में हजारों लोग भूख से तड़प रहे हैं. रिपोर्ट में भावी परिदृश्य का अनुमान लगाया है कि गाजा में लगभग 11 लाख लोग और दक्षिण सूडान में 79 हजार लोग जुलाई तक पांचवे चरण में पहुंच सकते हैं और अकाल का सामना करने के लिए मजबूर हो सकते हैं. इजराइल और हमास के बीच सात माह से युद्ध जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, संघर्ष के कारण हैती में खाद्य असुरक्षा बढ़ेगी.
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