अपनी गाड़ी को साइबर क्रिमिनल्स की नजरो से बचाने लिए इन 5 तरीको को करे फॉलो

कार मालिकों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है कि उनका कार चोरी ना हो जाए. इसलिए लोग कार लॉक करने और खिड़की बंद करने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि कार चोरी होने के साथ कार हैकिंग भी एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम है. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस होती जा रही है, नए तरह के खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं. आजकल मॉडर्न कारों में कनेक्टेड कार फीचर्स का तगड़ा क्रेज है, लेकिन यही फीचर्स आपके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं. कई लोगों को तो इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनकी कार हैक हो सकती है.

इस डिजिटल दौर में हैकर्स कुछ भी हैक कर सकते हैं. इसलिए हैकर्स की नजर कार पर भी रहती है. बेहतर होती टेक्नोलॉजी के साथ कार में कनेक्टेड टेक्नोलॉजी भी मिलने लगी हैं. एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन असिस्ट और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग जैसे फीचर्स को हैक करने का बड़ा खतरा होता है. इन्ही कारणों से कार मालिकों को दिक्कत उठानी पड़ सकती है.

कार हैकिंग की प्रॉब्लम से बचने के 5 टिप्स

यह बात एकदम सही है कि कार हैकिंग को लेकर अभी लोग उतने जागरूक नहीं है. लेकिन आपको हर समय सावधान रहने की आवश्यकता होती है. कार हैकिंग से बचने के लिए आप इन 5 टिप्स को फॉलो कर सकते हैं.

कार में पासवर्ड बिलकुल ना छोडे़ं:-

अगर आपकी कार के अंदर कोई गलत नीयत से चला गया, और उसे कार का पासवर्ड मिल जाता है तो उसके पास साडी डिटेल्स आ जाएंगी. इसलिए अपनी कार में पासवर्ड बिलकुल ना छोड़ें.

GPS में घर का एड्रेस:-

कार के जीपीएस में अपने घर का पता सेव करना नार्मल बात है. अगर आपको हैकिंग से बचना है तो ऐसा बिलकुल भी ना करें. यह शायद आपके लिए दिक्कत कर सकता है, लेकिन कार के सिस्टम में घर का पता नहीं डालना चाहिए. इससे हैकर्स को आपके घर का पता चल सकता है.

वायरलेस सिस्टम:-

कार के ऐसे सिस्टम जिन्हें बिना तार या केबल के नियंत्रित किया जा सकता है, उन पर हैकिंग का बहुत खतरा रहता है. कार में तार, बिना तार या रिमोट वाले सिस्टम होते हैं. इनमें से कई ऑनलाइन काम करते हैं जिन्हें हैक किया जा सकताा है. इसलिए कार वायरलेस सिस्टम का कम उपयोग करें.

इंफोटेनमेंट सिस्टम:-

इंफोटेनमेंट सिस्टम कार का बहुत ही अहम हिस्सा है. जैसे आप अपना फोन या लैपटॉप अपडेट करते हैं, उसी तरह इंफोटेनमेंट सिस्टम को भी अपडेट करना चाहिए. ऐसा करने से इंफोटेनमेंट के कुछ संभावित खतरे कम हो जाते हैं.

कार में थर्ड-पार्टी ऐप:-

कार का इंफोटेनमेंट सिस्टम हैकर्स के निशाने पर रहता है. इसलिए कभी भी थर्ड-पार्टी या गैर-भरोसेमंद ऐप्स को डाउनलोड ना करें. इससे सिस्टम में मैलवेयर आ सकता है. इंफोटेनमेंट सिस्टम के वेब ब्राउजर का ही उपयोग करें.

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