माउंट मारापी पर मानसून की बारिश और ठंडे लावा के कारण बड़े भूस्खलन हुए हैं। शनिवार आधी रात से ठीक पहले एक नदी का किनारा टूट गया। इसने पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों के पहाड़ी गांवों पर हमला किया, जिसमें 37 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं।रविवार दोपहर तक बचावकर्मियों ने अगम जिले के सबसे अधिक प्रभावित कैंडुआंग गांव में 19 शव निकाले थे बचावकर्मी 18 लोगों की तलाश कर रहे हैं.
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर शनिवार की आधी रात से ठीक पहले भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों से ठंडे लावा और कीचड़ के बहने से तबाही आ गई है. इससे द्वीप पर अचानक बाढ़ आ गई. इससे कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक अन्य लापता हो गए हैं. मानसून की बारिश और माउंट मारापी पर ठंडे लावा के कारण बड़े भूस्खलन की घटना घटी है. इसने शनिवार की आधी रात से ठीक पहले एक नदी ने अपने किनारों को तोड़ दिया. इसने पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों में पहाड़ी गांवों को तोड़ दिया.
बता दे की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि बाढ़ में लोग बह गए और 100 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं. बता दें कि ठंडा लावा को लहर के नाम से भी जाना जाता है. यह ज्वालामुखीय सामग्री और कंकड़ का मिश्रण होता है. बारिश में ज्वालामुखी की ढलानों से बहता है.राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है की रविवार दोपहर तक बचावकर्मियों ने अगम जिले के सबसे अधिक प्रभावित कैंडुआंग गांव में 19 शव निकाले थे और पड़ोसी जिले तनाह दातार में नौ अन्य शव बरामद किए थे.
बयान में कहा गया है कि पदांग परियामन में आई घातक बाढ़ के दौरान कीचड़ से आठ शव निकाले गए और एक शव पदांग पंजांग शहर में मिला. इसमें कहा गया है कि बचावकर्मी 18 लोगों की तलाश कर रहे हैं, जो कथित तौर पर लापता हैं.पदांग पंजांग पुलिस प्रमुख कार्तयाना पुत्र ने रविवार को कहा कि शनिवार रात अचानक आई बाढ़ के कारण तनाह दातार जिले में अनाई घाटी झरना क्षेत्र के आसपास की मुख्य सड़कें भी कीचड़ से अवरुद्ध हो गईं, जिससे अन्य शहरों तक पहुंच बंद हो गई. जारी वीडियो में सड़कें दिखाई दे रही हैं, जो गंदी भूरी नदियों में तब्दील हो गई हैं.
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