उपवास: अध्यात्म के पीछे छिपा है आपकी सेहत से जुड़े कई जरूरी लाभ

नवरात्रों के शुभ दिनों की शुरुआत होने ही वाली है, हम बड़ी बेसब्री से नवरात्रों का इंतजार करते है। हम इस समय अपनी श्रद्धा माता को समर्पित करते है नवरात्रि के दिनों में माता के लिए हम व्रत रखते है जिससे की वो प्रसन्न हो।

हम सभी ने उपवास तो जरूर ही रखा होगा, व्रत रखना अध्यात्म का साथ साथ हमारे शरीर के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हम अपनी संस्कृति में व्रत को धर्म और आस्था से जोड़कर देखते है लेकिन धार्मिक महत्व तक ही सीमा नही है इससे व्रत के फायदे हमारे स्वास्थ्य से भी जुड़े हुए हैं।

हर एक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार कुछ वक़्त के लिए किसी खास भोजन को छोड़कर इस व्रत को रखता है। ज्यादातर लोग व्रत के समय पानी, फल या सिर्फ जूस ही लेते हैं और कभी दिनभर में फ्रूट्स और दुद्जबका सेवन करते है। उपवास जितना धार्मिक रूप से मतवापूर्ण है उतना ही हमारे शरीर के लिए भी जरूरी है आइए जानते है कैसे,

डिटॉक्सीफाई

व्रत या फिर उपवास करने से शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है। शोध के अनुसार, उपवास रखते समय अगर सिर्फ तरल पदार्थ शामिल किया जाए तो शरीर सही प्रकार से डिटॉक्सीफाई होता है। इससे हमारे शरीर का पाचन और पेट संबंधी सभी परेशानियां और स्किन से रिलेटेड समस्याएं कम होती हैं।

वजन नियंत्रण

मोटापा एक ऐसे समस्या है जिससे छुटकारा पाना बड़ा ही मुश्किल हैं। हम में से ज्यादातर लोगों की एक ही परेशानी है वो है मोटापा, इसके कारण कई शारीरिक समस्याओं भी हो सकती है। उपवास के माध्यम से आप अपना वजन भी नियंत्रित कर सकते है ये एक अच्छा तरीका हो सकता है।

पाचन तंत्र रखे दुरुस्त

उपवास रखकर आप अपने पाचन तंत्र को सुरक्षित रख सकते है। यह हमारे पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है। व्रत रखने के कई चमत्कारिक लाभ है जिसे देखकर आप चौक जायेंगे। इसके रखने से पाचन संबंधी सभी पुराने से पुराने विकार दूर हो जाते हैं।

स्किन के लिए भी है लाभकारी

अगर आप सोचते है की क्रीम और कॉस्मेटिक लगाकर आप अपनी स्किन को हेल्थी रख सकते है तो ये बिलकुल गलत है। व्रत रखना हमारी स्किन के लिए लाभकारी होता है। अगर हम उपवास रखते है तो ये हमारे शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है। जब शरीर डिटॉक्सीफाई होगा, तो शरीर से हानिकारक  तत्व बाहर निकलेंगे, जिसकी वजह से स्किन चमक जाएगी।

यह भी पढ़े:त्वचा की देखभाल के लिए जरूरी है सनस्क्रीन का इस्तेमाल