केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए कृषि आधुनिकीकरण बहुत जरूरी है। इस आधुनिकीकरण के लिए किसानों को पूंजी की जरूरत होगी। ऐसे में सहकारी बैंक ही किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऋण दे सकते हैं। सहकारिता मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।
शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों के रजिस्ट्रार कार्यालय एवं कृषि व ग्रामीण विकास बैंकों के कम्प्यूटरीकरण की योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऋण देने का कार्य कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) का है। हालांकि ये बैंक समय के साथ-साथ शिथिल पड़ गए थे। अब इन बैंको को आधुनिक करने का कार्य शुरू किया गया है।
शाह ने कहा कि हम चाहते हैं कि एआरडीबी पुन: किसानों को मध्यावधि ऋण और दीर्घकालिक ऋण दे सकें। सरकार आने वाले दिनों में एआरडीबी को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के साथ लिंक करने की दिशा में काम कर रही है। इससे किसान पैक्स के माध्यम से मध्यावधि ऋण और दीर्घकालिक ऋण आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। जब दीर्घकालिक ऋण पैक्स देने लगेंगे तो किसानों के साथ-साथ हमारे पैक्स भी मजबूत होंगे।
शाह ने कहा कि जब एआरडीबी पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत हो जाएंगे तो इसकी व्यवस्था सरल होगी और किसानों के लिए बेहतर काम कर सकेंगे। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। इससे एक पारदर्शी माहौल बनेगा, जवाबदेही आसानी से तय हो सकेगी और किसान और बैंक के बीच एक मजबूत रिश्ता बनेगा।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री शाह ने आज कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से आयोजित किया गया था।