विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू से भेंट की तथा उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।जयशंकर दक्षिण कोरिया और जापान की चार दिवसीय यात्रा के पहले चरण में यहां आये हैं। वह अपनी इस यात्रा के दौरान अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ताई-युल के साथ 10वीं भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग (जेसीएम) बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”सियोल में आज दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू से भेंट कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मक भावना की प्रशंसा करता हूं तथा कल होने वाली संयुक्त आयोग की 10 वीं बैठक से पहले उनके मार्गदर्शन के महत्व को स्वीकारता हूं।”
जयशंकर की इस यात्रा से पहले नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जेसीएम में द्विपक्षीय सहयोग के समूचे दायरे की समग्र समीक्षा होने तथा उसे और मजबूत करने के अवसरों को खंगाले जाने की संभावना है। मंत्रालय का कहना था कि जेसीएम दोनों पक्षों को परस्पर हित के द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान का मौका भी प्रदान करेगा।
दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री से मुलाकात करने से पहले जयशंकर ने वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चांग हो-जिन से भेंट की तथा उनके साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परस्पर हित के विषयों तथा सम-सामयिक क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर सार्थक वार्ता की।उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ”मेरी दक्षिण कोरिया की यात्रा की अच्छी शुरुआत हुई। आज सियोल में राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशक चांग हो-जिन से मिला। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परस्पर हित तथा सम-सामयिक क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर उनके साथ सार्थक वार्ता हुई।”
जयशंकर ने दक्षिण कोरिया के व्यापार, उद्योग एवं ऊर्जा मंत्री ऐन डूकजेउन से भी भेंट की। उन्होंने कहा, ”उनके साथ अपने व्यापारिक एवं आर्थिक सहयोग खासकर वर्तमान एवं भावी सहयोग पर व्यापक चर्चा हुई जो भारत-दक्षिण कोरिया संबंध के केंद्र में है।” उन्होंने दक्षिण कोरिया के थिंक टैंक के प्रतिनिधियों के साथ भी रोचक वार्तालाप किया।
जयशंकर ने कहा, ”हमारे दोनों देशों के परस्पर हित बढ़ने के साथ हमारा विचार-विमर्श एवं संवाद बढ़ेगा ही।” इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री के भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करने की संभावना है। भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी का विस्तार सहयोग के विविध क्षेत्रों में हुआ है जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति शामिल हैं।