ब्रिक्स द्वारा छह देशों को अपने नए सदस्य के तौर पर शामिल करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि समूह का आधुनिकीकरण और विस्तार यह संदेश है कि सभी वैश्विक संस्थानों को बदलते दौर में खुद को बदलने की जरूरत है।जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स नेताओं के साथ एक मीडिया ब्रीफिंग में मोदी ने कहा कि अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के रूप में शामिल करने से समूह को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी।
जोहानिसबर्ग में तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अंत में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पांच देशों के समूह के विस्तार पर निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नए सदस्य देश एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे।अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कहा कि समूह के विस्तार का निर्णय बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को और मजबूत करेगा।
मोदी ने रामफोसा, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा की मौजूदगी में अपने मीडिया बयान में यह टिप्पणी की।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना मीडिया बयान दिया।
अपनी टिप्पणी में, मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन किया है तथा माना है कि नए सदस्यों के जुड़ने से समूह और मजबूत होगा।उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारी टीमें ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं।”उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि तीन दिनों के विचार-विमर्श से कई सकारात्मक नतीजे निकले।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि “हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नई गतिशीलता देने में सक्षम होंगे।”नए ब्रिक्स सदस्यों के रूप में शामिल किए गए देशों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इन सभी के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं।