राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि प्याज के निर्यात पर लगाया गया 40 प्रतिशत शुल्क हटाया जाना चाहिए और उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा सकती है।पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुणे जिले की पुरंदर तहसील में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि प्याज के उचित मूल्य सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ”पिछले कई दिनों से नासिक क्षेत्र के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं…वे अपनी प्याज की उपज के लिए उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं। देश से प्याज निर्यात किया जाता है, लेकिन सरकार ने निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है। लागत मूल्य देखते हुए प्याज उत्पादकों को उचित मूल्य देना सरकार की जिम्मेदारी है और इसकी मांग करना किसानों का अधिकार है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।”
उन्होंने बताया कि सरकार ने घोषणा की है कि वह 2,410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीदेगी और दो लाख टन के निर्यात की अनुमति देगी। उन्होंने कहा कि लागत को देखते हुए खरीद मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए।उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क हर हाल में हटाया जाना चाहिए।पवार ने दावा किया कि केंद्र चीनी के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
अनुभवी नेता ने कहा, ”महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है। दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील है, उसके बाद भारत है। पिछले साल ब्राजील में सूखे के कारण चीनी का उत्पादन कम हो गया था।”उन्होंने कहा, ”इसके चलते हमारे देश में गन्ना उत्पादकों के लिए स्थिति अनुकूल हुई और उन्होंने चीनी निर्यात करने की योजना बनाई, लेकिन अब केंद्र सरकार चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।”पवार ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कोई भी राज्य सरकार गन्ने की बेहतर कीमत नहीं दे पाएगी।