निर्वाचन आयोग सोमवार को पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा करने जा रहा है। आयोग के अधिकारियों के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार अन्य दो चुनाव आयुक्तों के साथ आज दिन मे 12 बजे संवाददाता सम्नेलन मे इन राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करेंगे। इन राज्यो में विधानसभा चुनाव इस वर्ष के अंत तक संपन्न कराए जाने हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने इन राज्यों में मतदाता सूचियों की समीक्षा सहित इन राज्यों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। पांचों राज्यों में कुल मिलाकर 1,180 से अधिक चुनाव परिवेक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।
पांचों राज्यों के चुनावी समीकरण…
- मध्यप्रदेश- राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुआ था। इस चुनाव के लिए कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 12 प्रत्याशी थे। राज्य में मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 3,78,54,811 थी। इनमें से 1,99,94,060 पुरुष, 178,60,401 महिलाएं और 350 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 75.84 फीसदी, महिलाओं के लिए 74.01 फीसदी और कुल मतदान 74.97 फीसदी रहा।
एमपी में चुनाव नतीजे 11 दिसंबर 2018 को आए थे। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत से दो कम 114 सीटें मिलीं थीं। वहीं, भाजपा 109 सीटों पर आ गई। हालांकि, यह भी दिलचस्प था कि भाजपा को 41 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को 40.9 फीसदी वोट मिला था। बसपा को दो जबकि अन्य को पांच सीटें मिलीं। नतीजों के बाद कांग्रेस ने बसपा, सपा और अन्य के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस तरह से राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने।
वहीं अब 2023 मध्यप्रदेश विधानसभा की बात करें तो इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, राज्य में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। इसमें करीब 17 लाख मतदाता बढ़े हैं। प्रदेश में सामान्य मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 हो गई है। इसमें पुरुष मतदाता 2 करोड़ 88 लाख 25 हजार 607 और महिला मतदाता 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 और थर्ड जेंडर 1373 हैं। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 61 हजार 36 हजार 229 मतदाता दर्ज हैं। 18-19 साल की उम्र के पहली बार मतदान करने वाले 22 लाख 36 हजार 564 वोटर हो गए हैं, जो आने वाले विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे।
वहीं, 80 या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 6 लाख 53 हजार 640 है। इसमें 100 वर्ष की उम्र पार करने वाले 5124 मतदाता हैं। इस बार चुनाव में एक हजार पुरुषों पर 945 महिला मतदाता हैं। इस बीच, विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप ने भी अपने 39 प्रत्याशी घोषित किए हैं। कांग्रेस ने अब तक कोई सूची नहीं जारी की है।
- राजस्थान- राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को संपन्न हुआ था। इस चुनाव के लिए कुल 2,294 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 11 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 3,53,90,876 थी। इनमें से 1,83,44,351 पुरुष, 1,70,46,450 महिलाएं और 75 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 73.49 फीसदी, महिलाओं के लिए 74.67 फीसदी और कुल मतदान 74.06 फीसदी रहा।
राज्य में चुनाव नतीजे 11 दिसंबर 2018 को घोषित किए गए थे। अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं।
इसके साथ ही प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। कांग्रेस को बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस ने निर्दलियों और अन्य की मदद से जरूरी आंकड़ा जुटा लिया। इसके साथ ही राज्य की सत्ता में वापसी की और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने।
अब 2023 राजस्थान विधानसभा की बात करें तो इसको लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इस बीच, राज्य में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। अंतिम सूची के अनुसार प्रदेश में 5 करोड़ 26 लाख 80 हजार 545 मतदाता पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार 627 पुरूष और 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 422 महिला मतदाता शामिल हैं।
मतदाता सूची में 80 साल से अधिक आयु के 11.78 लाख मतदाता और 100 वर्ष से अधिक आयु के 17,241 मतदाता पंजीकृत हैं। 5.61 लाख विशेष योग्यजन मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इन मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी। इसी प्रकार 606 ट्रांसजेंडर मतदाता भी पंजीकृत है। प्रदेश के मतदान केंद्र की बात करें तो 601 मतदान केंद्र नए बनाए गए हैं और 32 मतदान केंद्रों का समायोजन किया गया है। 569 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। मतदान केंद्र की संख्या 51 हजार 187 से बढ़कर 51 हजार 756 हो गई है।
- छत्तीसगढ़- राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया गया था। इस चुनाव के लिए कुल 1,269 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 14 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 1,42,11,333 थी। इनमें से 71,36,626 पुरुष, 70,74,636 महिलाएं और 191 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 76.58 फीसदी, महिलाओं के लिए 76.33 फीसदी और कुल मतदान 76.45 फीसदी रहा।
2018 में राज्य में दो चरणों मतदान कराए गए थे। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर 2018 और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर 2018 को संपन्न हुआ था। छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। चुनाव नतीजे आए तो 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 68 और भाजपा को 15 सीटें मिलीं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पांच सीटें जीते थीं और दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं।
अब 2023 राजस्थान विधानसभा की बात करें तो इसको लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन जारी कर दिया है। सूची के अनुसार राज्य में कुल दो करोड़ तीन लाख 60 हजार 240 मतदाता हैं। इनमें एक करोड़ एक लाख 20 हजार 830 पुरूष मतदाता, एक करोड़ दो लाख 39 हजार 410 महिला मतदाता और 790 ट्रांस जेंडर मतदाता शामिल हैं।
- तेलंगाना- राज्य में पिछले चुनाव सात दिसंबर 2018 को हुए थे। इस चुनाव के लिए कुल 1,821 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 15 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 2,05,99,739 थी। इनमें से 1,03,28,078 पुरुष, 1,02,71,470 महिलाएं और 191 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 72.90 फीसदी, महिलाओं के लिए 73.86 फीसदी और कुल मतदान 73.37 फीसदी रहा। मतदान केन्द्रों की संख्या 32,814 थी।
2018 में राज्य में सात दिसंबर 2018 को चुनाव संपन्न हुआ था। तेलंगाना के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। इस चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस को 88, कांग्रेस को 19, आईएमआईएम को सात, टीडीपी को दो, भाजपा को एक, एआईएफबी को एक सीट मिली थी। इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी।
इस बीच चुनाव आयोग द्वारा राज्य के लिए अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। यहां 3.17 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से पुरुष और महिला मतदाता क्रमशः 1,58,71,493 और 1,58,43,339 हैं, जबकि 2,557 तीसरे लिंग के हैं। इस वर्ष की शुरुआत में 17,42,470 मतदाताओं की वृद्धि के साथ राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
5.जोरम- राज्य में पिछले चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुए थे। इस चुनाव के लिए कुल 209 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन पांच प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 6,20,008 थी। इनमें से 2,99,746 पुरुष और 3,20,262 महिलाओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 78.92 फीसदी, महिलाओं के लिए 81.09 फीसदी और कुल मतदान 80.03 फीसदी रहा। मतदान केंद्रों की संख्या 1,170 थी।
पिछले चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुए थे। इस चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में एमएनएफ को 27 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने चार सीटें, जबकि भाजपा को एक सीट पर विजय मिली थी। इसके अलावा आठ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इसके साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री जोरमथंगा के नेतृत्व में एमएनएफ की सरकार बनी थी।
इस बीच चुनाव आयोग द्वारा राज्य के लिए अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। यहां 8,51,895 मतदाताओंमें से पुरुष और महिला मतदाता क्रमशः 4,12,969 और 4,38,925 हैं, जबकि एक तीसरे लिंग के हैं। वहीं 4,884 पुरुष और 89 महिला सर्विस वोटर हैं, जिनमें कुल 4,973 सेवा मतदाता हैं। मिजोरम में इस बार 1,276 मतदान केंद्र हैं।