अवैध रूप से रूसी सेना में शामिल हुए एक हजार से अधिक नेपाली नागरिकों के परिवार वालों ने अपने लोगों की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर विदेश मंत्री एनपी साउद से मुलाकात की। इस दौरान नेपाल के विदेश मंत्री साउद ने कहा कि नेपाली नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार की तरफ से कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय में हुई इस मुलाकात में इन लोगों ने बताया कि कई ऐसे लोग हैं जो कि एक या दो महीने से अपने घर से कोई संपर्क तक नहीं किया है। ऐसे ही कुछ परिवार वालों ने विदेश मंत्री को यह भी बताया कि उनके रिश्तेदार इस समय यूक्रेनी सेना के कब्जे में हैं या यूक्रेन के किसी जेल में बंद हैं। उन लोगों ने इन सबकी वापसी के लिए सरकार की तरफ से कोई ख़ास प्रयास नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति भी जताई है।
विदेश मंत्री साउद ने कहा कि रूस और यूक्रेन स्थित नेपाली दूतावास लगातार वहां की सरकारों और सेना के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री से मुलाक़ात हुई थी। इस दौरान उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था।
विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल से भारत और ब्रिटेन के अलावा किसी भी अन्य देश की सेना में शामिल होने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। बावजूद इसके हमारे युवा रूसी सेना में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इसको गैर कानूनी बताते हुए कहा कि गैर कानूनी होने के बावजूद यह नेपाल सरकार की जिम्मेदारी है कि हमारे नागरिक अगर किसी मुसीबत में हैं तो उनकी सुरक्षित घर वापसी कराई जाए। सरकार विभिन्न माध्यमों से रूस और यूक्रेन पर दबाब बनाकर अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयासरत है।