इक्वाडोर “मादक आतंकवाद” द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण “अपने इतिहास के सबसे कठिन चरणों” में से एक से गुजर रहा है।
ये बातें इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने कही है। उन्होंने सोमवार को शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए अपनी “दृढ़” प्रतिबद्धता का वादा किया और कहा कि इक्वाडोर “मादक आतंकवाद” द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण “अपने इतिहास के सबसे कठिन चरणों” में से एक से गुजर रहा है। उन्होंने मध्य शहर लताकुंगा में कोटोपैक्सी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आयोजित एक सैन्य समारोह के दौरान बोलते हुए हिंसा की नवीनतम घटनाओं की निंदा की।
उन्होंने कोलंबिया की सीमा पर स्थित उत्तरी प्रांत सुकुम्बियोस में घात लगाकर किए गए हमले में मारे गए एक सैनिक और एक पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका अपहरण कर लिया गया था और बाद में लॉस रियोस के मध्य तटीय प्रांत के बाबाहोयो शहर में उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने हालिया हिंसा के लिए आपराधिक गिरोहों और “अवसरवादी” राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया।
श्री नोबोआ ने पश्चिमी मनाबी प्रांत में सैन विसेंट की मेयर ब्रिगिट गार्सिया और उनके सहयोगी जाइरो लूर की हत्या की भी निंदा की। इन दोनों की रविवार को एक वाहन के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। गौरतलब है कि 27 वर्षीय गार्सिया देश के सबसे युवा राजनेताओं में से एक थीं और पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरिया के नेतृत्व वाले नागरिक क्रांति आंदोलन की सदस्य थीं।
श्री नोबोआ ने कहा, “सैन विसेंट की मेयर और उनके संचार निदेशक की हत्या हमें याद दिलाती है कि यह संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है, यह केवल शुरू हुआ है। यह हमें एक चेतावनी, स्पष्ट जानकारी भी देता है कि सार्वजनिक संस्थानों के भीतर भी मादक द्रव्य आतंकवाद मौजूद है और भी समस्याएं जुड़ रही हैं, जो “बहुत जल्द सामने आएंगी।”
उल्लेखनीय है कि इक्वाडोर संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है जिसके कारण श्री नोबोआ को दक्षिण अमेरिकी देश में आतंकवादी कृत्यों के लिए दोषी ठहराए गए 22 आपराधिक संगठनों से निपटने के लिए जनवरी में आपातकाल और “आंतरिक सशस्त्र संघर्ष” की घोषणा करनी पड़ी थी।
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