बनकटी हनुमान मंदिर में मानस के दोहे और चौपाइयों की गूंज, नवान्ह पारायण पाठ

अगहन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर शनिवार को दुर्गाकुंड स्थित प्राचीन बनकटी हनुमान मंदिर में श्रीरामचरितमानस नवान्ह पारायण पाठ का शुभारंभ हुआ। प्रातः काल 8:00 बजे मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित गया प्रसाद मिश्र ने श्री रामचरितमानस की पोथी, मानस पाठ के आचार्य पंडित श्याम सुंदर पांडेय सहित मानस पाठ करने वाले ब्राह्मणों का माल्यार्पण एवं पूजन किया।

इस अवसर पर प्रधान पुजारी ने बताया कि श्रीराम विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष बनकटी हनुमान मंदिर में नवान्ह पारायण पाठ का आयोजन किया जाता है। इस बार यह 45वां वर्ष है। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस का पाठ करने और मानस को जीवन में उतारने से जीवन रुपी नाव भवसागर को पार कर भगवान के चरणों में अर्पित हो जाता है। भगवान राम सबका कल्याण करते हैं। प्राचीन बनकटी हनुमान जी की बहुत ही महिमा है। इनका दर्शन पूजन करने से सभी मनोकामनाएं स्वत: ही पूर्ण हो जाती है।

उन्होंने बताया कि काशी हिंदू विद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय, विश्वविद्यालय की स्थापना काल के समय प्रतिदिन मंदिर में दर्शन पूजन करने आते थे। हनुमान जी की कृपा से इतने बड़े विश्वविद्यालय की स्थापना हो सकी। मानस पाठ करने वालों में प्रमुख रूप से संतोष कुमार पांडेय, प्रमोद, मानस मिश्रा, अनिल कुमार शुक्ला, राजेंद्र पांडेय, विनोद तिवारी, तारकेश्वर दुबे, गणेश तिवारी, विनोद झा, चिंतामणि, मनोज कुमार मिश्रा, पवन झा उपस्थित रहें।