आज के भाग दौड़ वाली लाइफ में बेली फैट एक कॉमन समस्या है। बॉडी में बढ़ती चर्बी सबसे पहले पेट के हिस्से के आसपास नजर आती है, और इन्हे बर्न करना सबसे मुश्किल काम होता है। बेली फैट को बर्न करने में बहुत समय लगता है। इसे कम करने को लेकर लोग काफी चिंतित रहते हैं, और तरह-तरह के नुस्खे ढूंढते रहते हैं।तो आइये जानते है बेली फैट के कारण को विस्तार से।
बेली फैट के कारणों को जाने :-
सबसे जरूरी है बेली फैट बढ़ने के कारणों को समझना, ताकि आप उन्हे न दोहराएं और बेली फैट कंट्रोल रहे। बिना कारण जाने आप इसे कम करने की कोशिश करती रहती हैं, पर साथ ही साथ आप उन चीजों को भी दोहराती हैं, जो असल में बेली फैट को बढ़ावा देते हैं। इसलिए सबसे पहले उन पर नियंत्रण पाएं ताकि आपकी बेली फैट लॉस की जर्नी आसान हो सके।
जरूरत से ज्यादा कैलरी का सेवन:-
अगर आप अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में कैलरी ले रही हैं और इन्हे बर्न करने जितनी एक्टिविटीज नहीं कर रही हैं, तो ये वेट गेन का कारण बन सकता है। खास कर ये पेट के आसपास के हिस्से में चर्बी को बढ़ा देता है। वहीं यदि आप फिजिकली एक्टिव होने के बाद भी अपनी कैलरी काउंट सही नहीं रखती हैं तो इससे भी एक्स्ट्रा फैट स्टोर हो सकता है।
अल्कोहल का अधिक सेवन:-
अधिक शराब पीने से तरह तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं, जैसे की लीवर की बीमारी और इंफ्लेमेशन। शराब और ओबेसिटी को लेकर पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार शराब के सेवन से लोगों में बॉडी मास इंडेक्स और अन्य मार्क्स की तुलना में विस्सेरल फैट का स्तर बढ़ जाता है।
खुदको एक्टिव रखे :-
लंबे समय स्थाई रूप से बैठे रहना, या शारीरिक गतिविधियों से पूरी तरह दूर रहना बेली फैट को बढ़ावा दे सकता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म धीमी हो जाती है और बॉडी में फैट बर्न करने की कैपेसिटी भी कम हो जाती है, इससे बेली फैट बढ़ता है। खुदको एक्टिव रखना बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं की आपको भारी एक्सरसाइज करने की आवश्यकता है, आप वॉकिंग, जॉगिंग, स्ट्रेचिंग आदि में पार्टिसिपेट कर अपनी मांसपेशियों को एक्टिवेट कर सकती हैं। इससे फैट जमा नहीं होता और आप फिट रहती हैं।
रिफाइंड और प्रोसेस्ड शुगर:-
लोग पूरे दिन में कितनी शुगर लेते हैं, उन्हे इसका अंदाजा भी नहीं होता। नियमित खानपान में शामिल होने वाली चीजों में भी अधिक मात्रा में शुगर पाया जाता है। खासकर अगर आप किसी मीठी चीज को बाहर से लेती हैं, तो इनमें भरपूर मात्रा में रिफाइंड शुगर मौजूद होता है, जो बेली फैट का एक सबसे बड़ा कारण है।
लो प्रोटीन डाइट:-
डाइट में भरपूर मात्रा में प्रोटीन लेने से वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। हाई प्रोटीन डाइट फुलफीलिंग होती है और व्यक्ति इससे लंबे समय तक संतुष्ट रहता है। जिससे कैलरी इंटेक सीमित रहती है और वेट लॉस में मदद मिलती है। ऐसे में पर्याप्त प्रोटीन न मिलने से बॉडी फंक्शंस पर नकारात्मक असर पड़ता है, मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और कैलरी बर्निंग कैपेसिटी भी कम हो जाती है।
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