शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से कई गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता है। इससे जोड़ों में दर्द, उंगलियों और हाथ-पैरों की हड्डियों से जुड़ी समस्याएं समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड (Uric Acid in Hindi) बढ़ जाता है तो यह जोड़ों और ऊतकों में जमा हो जाता है जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं।शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दर्द, चलने में दिक्कत और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बीमार पड़ने पर लोग अक्सर यूरिक एसिड की जांच कराते हैं। दरअसल, यूरिक एसिड शरीर में मौजूद एक कार्बनिक पदार्थ है जिसे किडनी फिल्टर करके शरीर से बाहर निकाल देती है।शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने के लिए दालचीनी का पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं हाई यूरिक एसिड होने पर दालचीनी का पानी पीने के फायदे और सही तरीका।
हाई यूरिक एसिड में दालचीनी का पानी पीने के फायदे- आमतौर पर दालचीनी का इस्तेमाल खाने का स्वाद और जायका बढ़ाने के लिए मसाले के रूप में किया जाता है। लेकिन इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई तरह की समस्याओं और बीमारियों में भी किया जाता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, “दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल समेत कई गुण होतेहैं, जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं। इसका नियमित रूप से सेवन शरीर में जमा गंदगी और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।”जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए भी दालचीनी के पानी का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसका सेवन गठिया और हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याओं में भी बहुत फायदेमंद होता है।
कैसे पिएं दालचीनी का पानी?
एक गिलास पानी में एक चम्मच दालचीनी का पाउडर डालकर उबालें और छान लें। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू का रस मिलाकर खाली पेट इस पानी का सेवन करें। नियमित रूप से कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से यूरिक एसिड समेत कई अन्य परेशानियों में भी फायदा मिलता है।
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको खानपान और जीवनशैली में सुधार जरूर करना चाहिए। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे फूड्स जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है उसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। गठिया या जोड़ों से जुड़ी समस्या में मरीज को खानपान के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और स्टेरॉयड आदि के सेवन की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में मरीजों को खानपान के साथ नियमित रूप से व्यायाम या योग आदि का अभ्यास करना चाहिए।
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