नेपाल के पूर्वी सीमावर्ती शहर विराटनगर में कोशी अस्पताल के एक चिकित्सक, एक नर्स, अन्य कर्मचारी सहित छह लोगों को नवजात बच्चों के बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अविवाहित जोड़ों से हुए नवजात बच्चों को नि:संतान दंपतियों का बेचने का सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था। यह जानकारी विराटनगर पुलिस के अधिकारी रंजन दाहाल ने दी।
डीएसपी दाहाल ने बताया कि एक अविवाहित युवती ने इस संबंध में शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके प्रसव को एक माह हो चुका है। उसका नवजात बच्चा उसे नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि जांच शिकायत सही पाई गई। इसके बाद कोशी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. तपेश्वर लाल कर्ण, नर्स निर्मला यादव, सफाई कर्मचारी सुधा राजवंशी, अविवाहित युवती के प्रेमी गोविन्द राई, बच्चा खरीदने वाली महिला दिलमाया और उसके बेटे सूर्यनारायण को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी दाहाल ने बताया कि इस शिकायत की जांच की भनक मिलते ही डॉ. कर्ण बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया था। उसे अस्पताल के बेड से ही गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह ने अविवाहित युवती के बच्चे का सौदा पांच लाख रुपये में किया था। डॉ. कर्ण ने इसके लिए पचास हजार रुपये एडवांस लिए थे। डिलीवरी के समय दो लाख रुपये मिले। बाकी रकम अभी उसे नहीं मिल पाई थी।
दाहाल के मुताबिक आरोपित नर्स और सफाई कर्मचारी ने स्वीकार किया है कि वह सब डॉ.कर्ण के लिए यह काम कई साल से कर रहे थे। गर्भपात कराने आने वाली अविवाहित लड़कियों व अन्य महिलाओं को पैसे का लालच देकर उनकी डिलीवरी करवाई जाती थी। इसके लिए डॉ. तपेश्वर कर्ण ने अपना एक प्राइवेट क्लीनिक भी खोल रखा था।