हर कोई चाहता है कि उसकी कमर पतली और आकर्षक हो। इसके लिए लोग तरह-तरह की एक्सरसाइज करते हैं, जिम जाते हैं और डाइट प्लान में भी जरूरी बदलाव करते हैं। कई बार इतना कुछ करने के बावजूद भी अच्छा परिणाम नहीं मिल पाता है। इसके लिए आप कुछ योगासनों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। इन योगासन की मदद से न सिर्फ कमर पतली होगी, बल्कि आपको कई तरह के अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलेंगे। वैसे भी विशेषज्ञों की मानें, तो रोजाना योगासन करने से लिए शरीर लचीला होता है, तनाव का स्तर मैनेज होता है, बॉडी टोन होती है और फैट भी घटता है। जानिए, पतली कमर के लिए कौन-से योगासन सबसे ज्यादा कारगर हैं।
त्रिकोणासन- पतली कम पाने के लिए त्रिकोणासन बेहतरीन आसनों में से एक है। इसके कई अन्य फायदे भी हैं, जैसे इसकी मदद से शरीर में स्थिरता आती है। असल में, त्रिकोणासन करने की वजह शरीर के मसल्स एक्टिव होते हैं, जिससे संतुलन और स्थिरता बढ़ती है। इसके अलावा, हिप्स और कंधे में भी फैलाव लाने में यह आसन कारगर भूमिका निभाता है। इसके साथ ही, त्रिकोणासन की वजह से कंधे और हिप्स की हड्डियों में लचीलापन आता है, जिस वजह से चोट लगने की आशंका में कमी आती है। इसी तरह, त्रिकोणासन करने की वजह से कमर पर भी अच्छा और गहरा असर पड़ता है। इस आसन को रोजाना करने से कमर का फैट घटता है, जिससे कमर पतली होने लगती है। हालांकि, इस आसन को रोजाना करना होता है। आसन को करते हुए अपनी सांस की गति पर ध्यान जरूर दें। अगर आसन करते वक्त आपको परेशानी हो, तो योगाचार्य की मदद से ही आसन को करें। इसके अलावा, यह ध्यान रखें कि योगासन हमेशा योगा मैट पर करें।
भुजंगासन- भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा स्ट्रेच के नाम से जाना जाता है। यह आसन मुख्य रूप से पीठ और पेट पर जोर देता है। इस आसन को करने से न सिर्फ बेली फैट कम होता है, बल्कि इससे पीठ मजबूत होती है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है। जिन लोगों की कमर मोटी है, लेकिन शरीर का बाकी हिस्सा पतला या सामान्य है, उन्हें नियमित रूप से भुजंगासन करना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो भुजंगासन बेली फैट कम करने में उपयोगी आसन है। इसलिए अगर आप इस आसन को करते हैं, तो पेट के साथ-साथ इसका अच्छा असर कमर पर भी नजर आने लगता है।
नौकासन- नौकासन की मदद से भी वजन कम करने में मदद मिलती है। यह खासकर बेली फैट कम करने और कमर को पतला बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह सबसे कारगर आसनों में से एक है। इस आसन की मदद से थाईज और गर्दन को काफी फायदा मिलता है, मसल्स मजबूत होते हैं। साथ ही, बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। सही ब्लड सर्कुलेशन की वजह से पाचन-तंत्र भी बेहतर रहता है। विशेषज्ञों की सलाह मानें, तो इस आसन को करते वक्त अगर आप अच्छा संतुलन बना पाते हैं, तो इससे पेट के निचले हिस्से पर काफी गहरा असर पड़ता है और वेस्ट सुंदर बनती है। इस आसन की शुरुआत आहिस्ता-आहिस्ता करें। अगर समस्या हो, तो एक्सपर्ट से मदद लें। जब सहज महसूस करें, तो लंबे समय तक इस आसन को कर सकते हैं।
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