भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने लोकसभा से तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के निष्कासन की कड़ी निंदा करते हुए उनकी सदस्यता ‘तत्काल बहाल’ किए जाने की मांग की है।भट्टाचार्य ने रविवार को यहां एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा ‘विपक्ष को चुप कराने का एक बेशर्म प्रयास’ है।
भट्टाचार्य ने कहा कि मोइत्रा का निष्कासन सत्तारूढ़ भाजपा के प्रतिशोधी रवैये का एक और उदाहरण है जो पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अयोग्यता और आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी से परिलक्षित हुआ था।वामपंथी नेता ने कहा, ‘महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने में बहुत जल्दबाजी दिखाई गई जबकि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को सदन में बसपा सांसद दानिश अली को नफरत भरी और सांप्रदायिक धमकियां देने वाले अपनी पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी को बिना किसी नतीजे के बरी कर दिया गया।’
उन्होंने दावा किया कि झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की एक बेहद कमजोर शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई हुई है जबकि दुबे खुद अपमानजनक और महिला द्वेषपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करने के आदतन अपराधी रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने अविलंब आचार समिति के पास भेज दिया था।
भाकपा माले नेता ने आरोप लगाया, ‘लगता है कि भाजपा ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कोरपोरेट साथियों को बचाने के लिए महुआ मोइत्रा को दोषी ठहराने और उनके निष्कासन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए आचार समिति का ‘आदेश’ निर्धारित कर दिया था।’भाकपा माले बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही है और देश में विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।