उद्योग संगठन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) ने उत्तर प्रदेश, खासकर नोएडा और गाजियाबाद में बुनियादी ढांचा तैनात करने की अनुमति हासिल करने में दूरसंचार बुनियादी ढांचा कंपनियों के समक्ष पेश हो रही ”समस्याओं” को उजागर किया है।डीआईपीए ने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में 5जी सेवाओं को तेजी से शुरू करने के लिए सभी लंबित आवेदनों को जल्द से जल्द निपटाने का आग्रह किया है।
डीआईपीए के महानिदेशक टी. आर. दुआ ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दूरसंचार बुनियादी ढांचा प्रदाताओं को राज्य में खासकर नोएडा और गाजियाबाद में बुनियादी ढांचे को तैनात करने की अनुमति नहीं मिल पा रही है।एसोसिएशन के अनुसार, ऑनलाइन मंच ‘निवेश मित्र’ पर आवेदन करने, सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने और आवेदन शुल्क जमा करने के बावजूद ऐसा हुआ।
डीआईपीए के सदस्यों में एटीसी टेलीकॉम, इंडस टावर्स, एसेंड टेलीकॉम, समिट डिजिटेल, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, क्रेस्ट डिजिटेल, सुयोग टेलीमैटिक्स, साइनोटॉक्स टावर्स, आईबस इंफ्रास्ट्रक्चर, एप्लाइड सोलर टेक्नोलॉजीज (एएसटी), क्लाउडएक्सटेल और प्रताप टेक्नोक्रेट्स शामिल हैं।
उद्योग संघ के अनुसार, करीब 1,000 आवेदन लंबित हैं जहां सदस्यों ने पहले ही 1,000 रुपये प्रति आवेदन शुल्क का भुगतान किया है। कुल राशि 10 लाख रुपये बैठती है जिसे वापस किए जाने का प्रावधान नहीं है।दुआ ने कहा, ” हम उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में 5जी सेवाओं को तेजी से शुरू करने के लिए लंबित सभी आवेदनों को जल्द से जल्द निपटाने का अनुरोध करते हैं।”