चोट लगने पर डायबिटीज के मरीज अपनाएं ये 5 तरीके, घाव भरने में मिलेगी मदद

हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत का बहुत ख्याल रखना चाहिए। उन्हें न सिर्फ अपने खान-पान बल्कि अपनी जीवनशैली को लेकर भी सावधान रहना चाहिए। उनकी जीवनशैली या खान-पान में थोड़ी सी लापरवाही उनके ब्लड शुगर के संतुलन को बिगाड़ सकती है। अगर समय रहते, उसे मैनेज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज के मरीजों को अगर कहीं घाव हो जाए या चोट लग जाए, तो उसके प्रति भी उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल, डायबिटीज के मरीजों के घाव जल्दी ठीक नहीं होते हैं। अगर इसके ठीक होने में ज्यादा समय लगा, तो वहां संक्रमण हो सकता है, घाव फैल सकता है और समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को यह जान लेना चाहिए कि अगर उन्हें चोट लग जाए, तो वे ऐसा क्या करें, ताकि घाव तेजी से ठीक हो सके।

चोट की अच्छी तरह सफाई करें

चोट को साफ करने से पहले डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वे अपने हाथ को साबुन से साफ करे। इसके बाद चोट को सादे पानी से अच्छी तरह धो लें। ध्यान रखें, उसमें गंदगी जरा भी न रह जाए। थोड़ी-सी भी गंदगी चोट को गहरा कर सकती है। आप चाहें, तो चोट को गुनगुने पानी से भी धो सकते हैं। गुनगुने पानी से धोने पर चोट की सफाई सही तरह से हो जाती है।

चोट पर दबाव बनाएं
अगर धोने के बाद आपकी चोट से खून बह रहा है, तो उस पर दबाव बनाएं, ताकि खून बहना बंद हो सके। अगर चोट लगने वाली जगह से काफी ज्यादा खून बह रहा है, तो इसे हल्के में न लें। किसी सूती और साफ कपड़े की मदद से चोट पर दबाव बनाएं। इससे खून आना बंद हो जाएगा। अगर फिर भी खून बहता रहे, तो आप बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं, ताकि वे सही उपचार से ब्लीडिंग रोक सकें ।

एंटी-बायोटिक क्रीम लगाएं
अगर चोट लगे हिस्से से खून आना बंद हो गया है और आपने उसे अच्छी तरह से साफ कर दिया है, तो चोट की रिकवरी के लिए उस पर एंटी-बायोटिक क्रीम अप्लाई करना न भूलें। एंटी-बायोटिक क्रीम आप डॉक्टर की सलाह पर ही फार्मेसी से खरीदें। वे आपकी चोट देखकर ऐसी एंटी-बायोटिक क्रीम इस्तेमाल करने की सलाह देंगे, जो चोट को तेजी से रिकवरी में मदद कर सकता है।

जरूरी हो तो ड्रेसिंग करवाएं
अगर घाव बहुत गहरा न हो और बिना ड्रेसिंग के ठीक हो सकता है, तो उसे खुला छोड़ सकते हैं। वहीं, अगर घाव को प्रॉपर ड्रेसिंग की जरूरत है, तो इसकी अनदेखी न करें। एंटीबायोटिक क्रीम लगाने के बाद, चोट पर बैंडेज लगवाएं या ड्रेसिंग करवाएं। ऐसा करने से चोट ढकी रहेगी और इसमें इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएगा।

समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करेंयह बात आप अच्छी तरह जानते हैं कि कोई भी चोट एक या दो दिन में ठीक नहीं होती है। इसे ठीक होने में समय लगता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वे रोजाना अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करें। ब्लड शुगर में जरा भी उतार-चढ़ाव आपके घाव को ठीक होने में अड़चन पैदा कर सकता है। कोशिश करें कि इन दिनों आपके ब्लड शुगर का लेवल मैनेज रहे। इसके लिए, हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल-
मधुमेह रोगी पैर की चोट को कैसे ठीक करें?
डायबिटीज के मरीजों को शरीर के किसी भी हिस्से में लगी चोट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। शुरुआती स्तर में, घरेलू उपायों की मदद लें, जैसे घाव में एलोवेरा जेल से मसाज करें और अन्य उपाय आजमाएं। अगर कुछ दिनों में रिकवरी न नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

मधुमेह रोगियों के घाव को ठीक होने में कितना समय लगता है?
डायबिटीज के मरीजों को घाव होने पर तुरंत फर्स्ट एड लेना चाहिए और बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर किसी वजह से उनका घाव संक्रामक हो चुका है, तो इसे ठीक होने में समय लग सकता है। आपको बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के पैर के अल्सर को ठीक होने में काफी समय लग सकता है। निश्चित रूप से कितना समय लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता है। इसके लिए, डॉक्टर से कंसल्ट करना पड़ेगा।

क्या मधुमेह रोगियों को चोट लगने की चिंता करनी चाहिए?
चोट, जलन और घाव यूं तो सामान्य परिस्थितियों में भी लग सकती है। लेकिन, डायबिटीज के मरीजों को चोट, जलन या घाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

बिना लिखित परीक्षा के रेलवे में नौकरी पाने का बेहतरीन मौका, बस पूरी करें ये शर्तें