दो बार के ओलंपिक चैम्पियन किम वूजिन को 6.2 से हराकर उम्मीदें जगाने वाले धीरज बोम्मादेवरा अगले दो मैच हार गए और तीरंदाजी विश्व कप फाइनल से खाली हाथ लौटे। भारत ने टूर्नामेंट में एकमात्र रजत पदक जीता जो प्रथमेश जावाकर ने कंपाउंड वर्ग में दिलाया। विश्व कप में सत्र के आखिरी फाइनल में पांच सदस्यीय दल भेजने के बावजूद भारत की झोली में एक ही पदक आया।
उदीयमान रिकर्व तीरंदाज धीरज ने दुनिया के दूसरे नंबर के तीरंदाज कोरिया के वूजिन को क्वार्टर फाइनल में हराया था। सेना का यह 22 वर्ष का तीरंदाज हालांकि कोरिया के ही ली वू सियोक से 1.7 (28.28, 27.30, 28.30, 28.29) हार गया। तीसरे स्थान के प्लेआफ मुकाबले में उन्हें मेडेलिन विश्व कप विजेता इटली के माउरो नेसपोली ने 6.5 (29.30, 27.27, 25.29, 27.26, 27.28) से हराया।
विश्व कप फाइनल में पदक जीतने वाले जयंत तालुकदार एकमात्र पुरूष रिकर्व तीरंदाज हैं जिन्होंने 13 साल पहले एडिनबर्ग में यह कमाल किया था। डोला बनर्जी ने महिला रिकर्व वर्ग में दुबई में 2007 में स्वर्ण पदक जीता था। महिला रिकर्व तीरंदाज दीपिका कुमारी ने विभिन्न विश्व कप फाइनल में चार रजत पदक जीते हैं।