एनआईए ने शनिवार को पिछले साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ढांगरी गांव में पांच नागरिकों की हत्या में शामिल आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में एक किशोर को गिरफ्तार किया है।बता दें किशोर को संयोगवश, पुलिस स्टेशन गुरसाई, मेंढर, जिला पुंछ में दर्ज एक अन्य मामले में पर्यवेक्षण गृह, आर.एस.पुरा, जम्मू में रखा गया था। उसे कल एनआईए ने हिरासत में ले लिया था और रिमांड के लिए किशोर न्याय बोर्ड, राजौरी के समक्ष पेश किया गया।
बता दें ये आतंकवादी हमला 1 जनवरी, 2023 को हुआ था और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के पांच लोग मारे गए थे और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामला शुरू में एफआईआर नंबर के रूप में दर्ज किया गया था। वहीं एनआईए ने 13 जनवरी को मामला अपने हाथ में लेकर दोबारा दर्ज किया था
एनआईए की जांच से पता चला था कि पकड़ा गया किशोर, पहले गिरफ्तार किए गए दो अन्य व्यक्तियों निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा के साथ उन आतंकवादियों को शरण देने में शामिल था, जिन्होंने भयानक हमले को अंजाम दिया था। निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन को एनआईए ने 31 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया था, और वर्तमान में सेंट्रल जेल, कोट भलवाल, जम्मू में बंद हैं।दोनों ने दो महीने से अधिक समय तक आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी और उन्हें एक ठिकाने में आश्रय दिया था, जिसे उन्होंने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आकाओं सैफुल्ला उर्फ साजिद जट, अबू कताल के निर्देश पर बनाया था।
एनआईए अधिकारियों की एक टीम ने जांच के दौरान अपराध के वास्तविक अपराधियों की तलाश में नियमित रूप से जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों के पहाड़ी इलाकों में डेरा डाला था। टीम ने बड़ी संख्या में संदिग्ध संस्थाओं की जांच की और बाद में उपर्युक्त आरोपी व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया, जिन्होंने आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। इस मामले में जांच अभी भी प्रक्रियाधीन है।