वह ‘जिद्दी’ बनकर दुनिया पर छाए और इश्क की ‘बाजी’ लगाकर ‘मंजिल’ की तलाश में भटकते रहे. उन्होंने ‘तेरे घर के सामने’ जाकर ‘जब प्यार किसी से होता है’ कहने की कोशिश भी की, लेकिन जमाना ‘असली नकली’ के चक्कर में ‘इंसानियत’ ही भूल गया. आलम यह रहा है कि उनके खिलाफ ऐसी ‘चार्जशीट’ तैयार कर दी गई कि वह अपने प्यार को मंजिल पर पहुंचाने वाले ‘गाइड’ नहीं बन सके. बात हो रही है हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाले देव आनंद की, जिनकी मोहब्बत ने धर्म की दीवार के सामने घुटने टेक दिए थे. आज देव आनंद की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है. ऐसे में हम आपको उनकी जिंदगी के ऐसे किस्सों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो बेहद कम लोग जानते हैं.
एक्टिंग की दुनिया में ऐसे आए देव आनंद
26 सितंबर 1923 के दिन पंजाब के गुरदारपुर जिले की शकरगढ़ तहसील में जन्मे देव आनंद ने लाहौर (ब्रिटिश इंडिया) के गवर्नमेंट कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रैजुएशन किया था. हालांकि, बॉम्बे (अब मुंबई) जाने के लिए उन्होंने कुछ समय बाद अपना घर छोड़ दिया था. शुरुआत में देव आनंद ने बॉम्बे के चर्चगेट में मिलिट्री सेंसर ऑफिस में काम किया. उस वक्त उन्हें 65 रुपये महीना सैलरी मिलती थी. बॉम्बे में देव आनंद ने अशोक कुमार की फिल्में अछूत कन्या और किस्मत देखी, जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में अपनी चमक दिखाने का फैसला कर लिया. देव आनंद ने फिल्म हम एक हैं से बॉलीवुड डेब्यू किया था. इसके बाद वह सिनेमा की दुनिया के ऐसे सितारे बन गए, जिसकी चमक आज तक बरकरार है.
जब धर्म की दीवार के आगे घुटने टेक गई मोहब्बत
बता दें कि फिल्मों में काम करते-करते देव आनंद को सुरैया से बेपनाह इश्क हो गया, लेकिन मोहब्बत की यह दास्तां परवान नहीं चढ़ सकी. दरअसल, दोनों ने विद्या, शायर, अफसर, नीनी, दो सितारे और सनम समेत कई फिल्मों में काम किया. उस दौरान दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए और एक-दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करने लगे. हालांकि, अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखने की वजह से देव आनंद का इश्क परवान नहीं चढ़ पाया. परिवार के दबाव के आगे सुरैया ने हार मान ली, लेकिन ताउम्र शादी नहीं की.
देव आनंद ने ‘कल्पना’ से बसाया अपना आशियाना
सुरैया संग मोहब्बत की दास्तां अधूरी रहने के बाद देव आनंद बुरी तरह टूट गए थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर मैं उसका हो जाता तो मेरी जिंदगी कुछ और होती. अगर मैं उससे शादी कर पाता तो शायद मैं वह देव आनंद नहीं होता, जो आज मैं हूं. बता दें कि देव आनंद ने साल 1954 के दौरान कल्पना कार्तिक से शादी की. उनके दो बच्चे सुनील आनंद और देविना हुए.
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