New Delhi: Union Defence Minister Rajnath Singh speaks at the DefConnect 2024 event, organised by Innovations for Defence Excellence-Defence Innovation Organisation (iDEX-DIO), at Manekshaw Centre, in New Delhi, Monday, March 4, 2024. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI03_04_2024_000047A)

हथियारों के आयात पर निर्भरता घातक साबित हो सकती है : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश हथियारों या प्लेटफार्मों के आयात पर निर्भर नहीं रह सकता क्योंकि यह रणनीतिक रूप से घातक हो सकता है और मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढाने के लिए अनेक कदम उठा रही है।

श्री सिंह ने सोमवार को यहां मानेकशॉ सेंटर में डेफकनेक्ट 2024 के दौरान उद्योग जगत, उद्यमियों, इनोवेटर्स और नीति निर्माताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आत्मनिर्भरता के बिना, भारत वैश्विक मुद्दों पर अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकता है।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “रणनीतिक स्वायत्तता तभी बरकरार रखी जा सकती है जब हथियार और उपकरण हमारे अपने लोगों द्वारा भारत में बनाए जाएं। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और परिणाम सकारात्मक हैं। जहां 2014 में हमारा घरेलू रक्षा उत्पादन लगभग 44,000 करोड़ रुपये था, वहीं आज यह एक लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है और लगातार बढ़ रहा है। हमारे लगातार प्रयासों से यह बदलाव आया है।”

उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिसमें रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 प्रतिशत भारतीय कंपनियों के लिए निर्धारित करना भी शामिल है। श्री सिंह ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला जिसमें भारत में निर्मित या निर्मित होने वाले प्रमुख प्लेटफार्मों और उपकरणों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को अधिसूचित करना भी शामिल है।

उन्होंने रक्षा उत्पादन विभाग को यह भी सुझाव दिया कि आने वाले वर्षों में हमें आयात की जाने वाली वस्तुओं की एक छोटी नकारात्मक सूची लानी चाहिए और पूर्ण आत्म-सम्मान हासिल करने के लिए उस सूची को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार तथा वाणिज्य एक-दूसरे पर निर्भर हैं और निजी क्षेत्र को फलने-फूलने के लिए एक मंच की आवश्यकता है, जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को एक मंच प्रदान करने के लिए कानून -व्यवस्था, स्वस्थ और कुशल कार्यबल, कानून का शासन तथा अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र जैसे कई पहलुओं की आवश्यकता है। समाज और सरकार मिलकर इन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं ताकि निजी क्षेत्र आगे बढ़े और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और क्षमता को बढ़ावा दे। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी में या तो अन्य देशों के नवीनतम नवाचार को अपनाकर या अपना खुद का विकास करके महारत हासिल की जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा, “सरकार दोनों तरीकों पर काम कर रही है।”