अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले रक्षा बलों में चयनित युवाओं की भर्ती की मांग को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एनआईसीसी) की पूर्व सैनिक इकाई के बैनर तले युवाओं ने बृहस्पतिवार को यहां जंतर-मंतर पर चार दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
आयोजकों ने कहा कि पहले दिन विरोध प्रदर्शन में 300 से अधिक युवाओं ने भाग लिया।एआईसीसी की पूर्व सैनिकों की शाखा के कर्नल (सेवानिवृत्त) रोहित चौधरी ने कहा, ”अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले रक्षा बलों में चयनित हुये लगभग 1.5 लाख युवा अब भी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”सेवाओं में शामिल होने के लिए उन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं और अंतिम चयन के लिए अर्ह घोषित किये गये थे। हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इन युवाओं को सेना में नियुक्ति के लिए मंजूरी दिये जाने की मांग की थी, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ है।”केंद्र पर निशाना साधते हुये चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार इन युवाओं की भावनाओं से खेल रही है।
उन्होंने कहा, ”60 लाख से अधिक युवाओं ने शारीरिक परीक्षा में हिस्सा लिया था और पूरे देश से 1.5 लाख से अधिक युवाओं को भर्ती के लिए चुना गया था, लेकिन उन्हें लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाया गया।”चौधरी ने आरोप लगाया कि इन युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिला था और उन्होंने वादा किया था कि लिखित परीक्षा जल्द ही आयोजित की जाएगी, लेकिन तब से अब तक कुछ नहीं हुआ। ये यह साबित करता है कि उनके वादे सिर्फ ”जुमले” की तरह हैं।
उन्होंने कहा, ”हमें दिल्ली के जंतर-मंतर पर चार दिवसीय विरोध प्रदर्शन की अनुमति मिल गई है। विरोध प्रदर्शन के लिए काफी संख्या में युवाओं के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन बजट सत्र के कारण उन्हें रोक दिया गया। ये सभी युवा विरोध-प्रदर्शन के लिए यहां जंतर-मंतर पर ही रहेंगे। हम कानून व्यवस्था में कोई व्यवधान पैदा नहीं कर रहे हैं। ये युवा सिर्फ अपना अधिकार मांग रहे हैं।”एक अन्य प्रदर्शनकारी ने बताया कि वे पहले भी 11 और 12 जनवरी को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिये आ चुके हैं।