दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पॉक्सो मामलों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलें वापस मंगवा लीं। ये फाइलें जनवरी से दिल्ली सरकार के पास लंबित थीं। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, ये सभी फाइलें केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई हैं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से मामले पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सूत्र के अनुसार, ”ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस ऑफ जीएनसीटीडी रूल्स, 1993 के नियम 19(5) को लागू करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल ने पॉक्सो मामलों में सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजकों व लोक अभियोजकों की नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलों को वापस मंगवा कर उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 24(8) के तहत आवश्यक नियुक्तियों व अधिसूचनाओं के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया है।”
सूत्र ने बताया, ”ये अत्यंत जरूरी फाइलें दिल्ली के गृह मंत्री के स्तर पर लंबित थीं, जिन्हें जनवरी में मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया था।”सूत्रों के अनुसार, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से जुड़े मामले बेहद संवेदनशील होते हैं और कानून के मुताबिक इन मामलों में मुकदमा, अपराध के संज्ञान की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा निपटाना होता है।
सूत्रों के मुताबिक, विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति में देरी से जांच एजेंसी के मामलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मासूम बच्चों के खिलाफ अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को अनुचित लाभ मिल सकता है।उन्होंने बताया कि नियुक्ति का मुद्दा लंबे समय से दिल्ली के गृह मंत्री के स्तर पर लंबित था, इसलिए प्रमुख सचिव (गृह) ने प्रस्ताव दिया कि मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाए।