रक्षा मंत्री राजनाथ ने कांग्रेस सरकार के वादे पर हैरानी जताई और कहा, ‘मैं केवल इस बात पर आश्चर्य कर सकता हूं कि कांग्रेस सरकार ऐसा कर सकती है. उनके शासनकाल में क्या हुआ, कितनी 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में चली गयी, इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. लेकिन, मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत, कोई भी हमारी एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता है और हम अपनी एक इंच जमीन भी नहीं देंगे।
आपको बता दे की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कांग्रेस के घोषणापत्र की कड़ी आलोचना की जिसमें चीन के साथ सीमा पर ‘यथास्थिति बहाल’ करने का वादा किया गया है। 11 अप्रैल को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने अरुणाचल मामले में बड़ा दावा किया था. उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चीन अरुणाचल प्रदेश की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता.राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत, कोई भी हमारी एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता है और हम अपनी एक इंच जमीन भी नहीं देंगे।’
रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1975 के आपातकाल के दौर को याद करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने अपनी मां के अंतिम संस्कार के समय को याद करते हुए एक दर्दनाक घटना बताई. उन्होंने कहा, ‘आपातकाल के दौरान मुझे अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के लिए पैरोल भी नहीं दी गई. वे हम पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं। अपने गिरेबां में मत झांको.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने LAC पर चीन द्वारा निर्माण और अरुणाचल प्रदेश के कई गांवों का नाम बदलने पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘अगर वे एलएसी के दूसरी तरफ अपनी जमीन पर कुछ करते हैं, तो मैं इस संबंध में क्या कर सकता हूं. हमने सीमा के पास भी काफी निर्माण किया है. लेकिन प्रयास जारी हैं.’ दोनों देश शांति स्थापित करें. प्रयास भी करना चाहिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर भी जमकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करेगा तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे…अगर पाकिस्तान को लगता है कि वह आतंकवाद को नियंत्रित करने में असमर्थ है, तो वह ऐसा नहीं कर सकता।’ इसलिए यदि पड़ोसी देश भारत का सहयोग पाना चाहते हैं तो उन्हें भारत का सहयोग मिलना चाहिए। आतंकवाद रोकने के लिए भारत सहयोग को तैयार है.
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