जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के प्रमुख एच.डी. देवेगौड़ा ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन को लेकर केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को कोई भ्रम है और उन्होंने पड़ोसी राज्य में सत्तारूढ़ वाम दल द्वारा इस गठबंधन का समर्थन किए जाने की बात कभी नहीं कही।
देवेगौड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”माकपा पर मेरे बयान को लेकर कोई भ्रम है। लगता है कि मेरे कम्युनिस्ट मित्रों ने न तो मेरी कही बात को समझा और न ही इस बात के संदर्भ को समझा।”उन्होंने कहा, ”मैंने केवल इतना कहा कि केरल में मेरी पार्टी की इकाई एलडीएफ सरकार के साथ मिलकर काम रही है, क्योंकि भाजपा के साथ हमारे गठबंधन के बाद मेरी पार्टी की कर्नाटक के बाहर इकाइयों के भीतर चीजें अनसुलझी हैं।
काश, माकपा नेताओं ने अपने शब्दों को बेहतर तरीके से चुना होता या स्पष्टीकरण मांगा होता।”पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने भाजपा के साथ गठबंधन का विरोध कर बगावत का बिगुल बजाने वाले पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष एवं अपने करीबी सहयोगी सी. एम. इब्राहिम को बृहस्पतिवार को पद से हटा दिया।
इब्राहिम ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ पार्टी के गठबंधन का विरोध किया था और बगावती तेवर दिखाए थे।देवेगौड़ा ने राज्य कार्य समिति को भंग कर दिया और अपने बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को इसका तदर्थ अध्यक्ष नियुक्त किया|
उन्होंने कहा था, ”केरल की वाम सरकार के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पार्टी को बचाने के लिए कर्नाटक में भाजपा के साथ आगे बढ़ने की पूरी सहमति दे दी है। यही स्थिति है।”विजयन ने शुक्रवार को देवेगौड़ा के इस दावे को निराधार और झूठा बताकर खारिज कर दिया कि उन्होंने कर्नाटक में भाजपा के साथ जद (एस) के गठबंधन को मंजूरी दी है।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने पूर्व प्रधानमंत्री से अपना बयान सुधारने को भी कहा।विजयन ने कड़े शब्दों में कहा कि जद (एस) की प्रदेश इकाई ने साफ किया था कि वे भाजपा के साथ गठबंधन के पूरी तरह खिलाफ हैं और वे केरल में वाम मोर्चा के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
उन्होंने कहा, ”देवेगौड़ा भाजपा के साथ पहली बार हाथ नहीं मिला रहे। हम सभी को 2006 याद है जब जद (एस) ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था। उन्होंने अपनी विचारधारा को छोड़ दिया था और अपने बेटे को मंत्री पद दिलाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया।”विजयन ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा जिसने आरोप लगाया है कि माकपा और भाजपा के बीच संबंध है।