उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर 2023 को मामले में आप सरकार के पूर्व मंत्री जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत आठ जनवरी तक बढ़ा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने 26 मई, 2023 को चिकित्सा आधार पर जैन को अंतरिम जमानत दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
जैन ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के छह अप्रैल 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है। ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया था। जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनको छह सितंबर 2019 को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।