जरूरत से ज्यादा फलों का सेवन बना सकता है आपको बीमार, जानिए कैसे

स्वस्थ रहना तो हम सभी चाहते है और आजकल के समय में हम में से ज्यादातर लोग सेहत के चक्कर में चीजों की अनदेखी करना शुरू कर देते है अक्सर देखा गया है की हम सभी अपनी डाइट में फिटनेस के चक्कर में फलों को अपना साथी बना लेते है। डाइट में फलों को शामिल करना अच्छी लाइफ़स्टाइल की तरफ ले जाता है लेकिन किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा खाने से शरीर को लाभ की जगह नुकसान होने शुरू हो जाते है क्या आपको पता है फल खाने से आप बीमार भी पड़ सकते हैं. एक शोध में खुलासा हुआ है की फल में पाई जाने वाली प्राकृतिक शुगर, फ्रुक्टोज के नाम से जाना जाता है वो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होती है. स्वस्थ शरीर के चक्कर में जरूरत से ज्यादा फलों का सेवन आप को बीमार बना सकता है तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है आइए जानते हैं फलों से होने वाले नुकसान के बारे में,

मधुमेह

बहुत से फल जैसे आम, अनानास और लीची जैसे और भी ये सभी हमारे शरीर में शुगर को बढ़ाते हैं. इन फलों में फ्रुक्टोज, डायबिटीज के रोगियों में शुगर को लेवल को बढ़ाने का काम करता है, डायबिटीज के मरीज को इस परकार के फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. मधुमेह पीड़ित रोगी को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले  फलों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

ओबेसिटी

फल खाने से अगर आप पतले होने चाहते है तो  डाइट में रात दिन फल खाते हैं तो ऐसा कारण उन पर भारी पड़ सकता है. इन मीठे फलों में फ्रुक्टोज की मात्रा अधिकता  की वजह से वजन कम करने में नहीं जबकि इससे वजन बढ़ाने में मदद करते हैं।इससे आपका वजन बढ़ सकता है और मोटापे के शिकार हो सकते हैं।

दिमाग

फलों का ज्यादा इस्तेमाल हमारे दिमाग पर बुरा असर डालता है. फल हमारी भूख को शांत करने का काम करता हैं लेकिन जब हम अधिकता में इस्कासेवन करते है तो इससे दिमाग की गर्मी बढ़ जाती हैं. ज्यादा फ्रुक्टोज के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जैसी परेशानी हो जाती है. फलों का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

लीवर

अगर आप ज्यादा फलों का सेवन करते है तो इससे लीवर विपरीत प्रभाव पड़ता है. लिवर पर फैट जमा हो सकता है। यह समय नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर के नाम से जानी जाती है जो आगे चलकर आपको और भी बीमारियों से घेर सकता है।

यूरिक एसिड

फलों में पाया जाने वाला फ्रुक्टोज हमारे शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ाता है इसकी वजह से हमारे शरीर में अर्थराइटिस और किडनी से जुड़ी समस्या बढ़ जाती है।

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