कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि इस आयोजन को लेकर शंकराचार्य ने भी विरोध जताया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब भाजपा और आरएसएस तय कर रहे हैं कि कौन अयोध्या जाए और कौन न जाए। कांग्रेस इस सोच का विरोध करती है। धर्म हमारी व्यक्तिगत आस्था का विषय है। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
खेड़ा ने कहा कि क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है? किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा? क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं? उन्होंने कहा कि न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इंसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता है। किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि-विधान होता है।
चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती। ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है। एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिए बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमने सिर्फ 22 जनवरी के कार्यक्रम में जाने से इनकार किया है। कांग्रेस व्यक्तिगत आस्था को सर्वोपरि मानती है। हम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर गए हैं और आगे भी जाते रहेंगे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता, प्रभारी महासचिव के साथ 15 जनवरी को अयोध्या दर्शन के लिए जा रहे हैं।