वर्ष 2019 में हुए पुलवामा हमले के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रहे कांग्रेस सांसद एंटो एंटनी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्होंने यह नहीं कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी।
एक टीवी चैनल से बातचीत में एंटनी ने कहा कि बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह नहीं कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी।एंटनी के अनुसार, उनसे संवाददाताओं ने पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पूछा था और उन्होंने इस पर कोई राय व्यक्त नहीं की थी।
बुधवार को जब एक संवाददाता ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का मुद्दा उठाया, तो पथनामथिट्टा से सांसद एंटो एंटनी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया ‘पुलवामा विस्फोट में पाकिस्तान की क्या संलिप्तता थी?’पथनमथिट्टा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार एंटनी ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया की वहां मौजूद लोगों ने अपने निजी हितों और बुद्धिमत्ता के अनुसार व्याख्या की। एंटनी इस सीट का प्रतिनिधित्व 2014 से कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवान शहीद हुए थे और उनके बलिदान का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था।उन्होंने कहा कि मलिक ने जो कहा, वह 100 फीसदी सही है।
एंटनी ने पूछा ‘सत्यपाल मलिक ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया?’वह भाजपा की केरल इकाई के प्रदेश प्रमुख के सुरेंद्रन की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सांसद ने पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार करके देश का अपमान किया है।
सुरेंद्रन ने कहा था कि एंटनी पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए।एंटनी ने दावा किया कि उन्होंने पिछले दिन संवाददाता सम्मेलन में यह कहा था कि देश पर शासन करने वाले लोग राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा ‘जहां तक मेरा सवाल है, मैंने जो कहा है, मैं उस पर कायम हूं।’जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथापोरा में 14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमलावर ने जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रहे वाहनों के एक काफिले को निशाना बनाया था। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।