विकसित भारत के निर्माण में कपड़ा क्षेत्र का योगदान बढ़ाने का व्यापाक प्रयास: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार विकिसत भारत के निर्माण में कपड़ा क्षेत्र का योगदान बढ़ाने व्यापक स्तर पर काम कर रही है और परंपरागत कौशल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के समावेश और बड़े पैमाने के उत्पादन को बढ़ाने के पर ध्यान दे रही है।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार कपड़ा क्षेत्र में देश की समृद्ध परम्पराओं को प्रोत्साहित और मजबूत करने के साथ इस क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के समावेश और मानव संसाधन के लिए जरूरी प्रशिक्षण पर ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री राजधानी में प्रगति मैदान के भव्य प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र मंडपम में अंतरराष्ट्रीय कपड़ा व्यापार सम्मेलन ‘भारत टेक्स 2024 ’ का उद्घाटन कर रहे थे।

यह आयोजन 29 फरवरी तक चलेगा और यशो भूमि में भी कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत के निर्माण में टेक्सटाइल क्षेत्र का योगदान और बढ़ाने के लिए हम बहुत विस्तृत दायरे में काम कर रहे हैं। हम ट्रेडिशन, टेक्नोलॉजी, टैलेंट और ट्रेनिंग (परम्परा, प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और प्रशिक्षण) पर फोकस कर रहे हैं।’ मंच पर कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री दर्शना जरदोश भी उपस्थित थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत टेक्स प्रदर्शनी का “यह सूत्र (धागा) प्रौद्योगिकी को परम्परा के संग पिरो रहा है। उन्होंने इस आयोजन को भारत के कपड़ा क्षेत्र में शैली, स्वस्थ्य पद्धति, बड़े पैमाने के कारोबार ओरा कौशल को एक जोड़ने और आगे बढ़ाने का प्रयास बताया।श्री मोदी ने कहा कि भारत टेक्स-2024 कपड़ा उद्योग में भारत की अद्भुद क्षमताओं को उजागर करने का एक शानदार मंच है। उन्होंने कहा कि हम टेक्सटाइल कारोबार के सभी खंडों को ‘पांच एफ’ के सू्त्र से एक दूसरे से जोड़ रहे हैं।’ पांच एफ से उनका तात्पर्य फार्म (खेत), फाइबर (सूत) , फैक्ट्री (मिल), फैशन से होते हुए फॉरेन (विदेशी बाजार से जुड़ाव ) है।

प्रधानमंत्री ने संबोधन में विभिन्न राज्यों में सात पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क बनाने की सरकार की व्यापक योजनाओं पर प्रकाश डाला और पूरे कपड़ा क्षेत्र के लिए अवसर पैदा करने पर जोर दिया। श्री मोदी ने टिप्पणी की, “सरकार संपूर्ण मूल्य श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र को एक ही स्थान पर स्थापित करने का प्रयास करती है जहां प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाता है।” उन्होंने कहा कि इससे न केवल पैमाने और संचालन में सुधार होगा बल्कि लॉजिस्टिक लागत में भी कमी आएगी।

कपड़ा क्षेत्रों में रोजगार की संभावना और ग्रामीण आबादी और महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि परिधान बनाने में हर दस व्यक्तियों में सात महिलाएं हैं और हथकरघा क्षेत्र में महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उठाए गए कदमों ने खादी को विकास और नौकरियों का एक मजबूत माध्यम बना दिया है। उन्होंने कहा, इसी तरह, पिछले दशक की कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने से कपड़ा क्षेत्र को फायदा हुआ है।

श्री मोदी ने भारत टेक्स 2024 में आए लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का अवसर विशेष है क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के दो सबसे बड़े प्रदर्शनी केंद्रों भारत मंडपम और यशो भूमि में हो रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस सम्मेलन में लगभग 100 देशों के 3000 से अधिक प्रदर्शक और व्यापारी भाग ले रहे हैं। इस आयोजन में लगभग 40,000 दर्शकों के आने का अनुमान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कपड़ा बाजार का कारोबार 2014 में सात लाख करोड़ से भी कम था जो आज 12 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। धागों, कपड़ों और परिधानों के उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश में इस क्षेत्र में 380 नए बीआईएस मानक लागू किए गए है जिससे भारतीय टेक्सटाइल क्षेत्र में गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित हुआ है।

उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दोगुना हो गया है।प्रधानमंत्री ने देश के कपड़ा बाजार में प्रौद्योगिकी और मशीनीकरण की आवश्यकता के साथ साथ देश के कपड़ों की विशिष्टता और प्रामाणिकता के महत्व को रखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा बाजार है जहां आधुनिकता और प्रमाणित परम्परागत दोनों प्रकार के कपड़ों की मांग है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों में हमेशा एक अनूठी विशेषता होती है, इसे में अनूठे फैशन की मांग के साथ ऐसे हुनरकी मांग बढ़ जाती है।उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सरकार कौशल विकास के साथ साथ उत्पादन के पैमाने के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) संस्थानों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय बुनकरों और कारीगरों को भी निफ्ट से जोड़ा जा रहा है और उन्हें नई प्रौद्योगिकी के बारे में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने समर्थ योजना का भी उल्लेख किया जहां अब तक 2.5 लाख से अधिक लोगों को क्षमता निर्माण और कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अधिकांश महिलाओं ने भाग लिया है, जहां लगभग 1.75 लाख लोगों को पहले ही औद्योगिक इकाइयों में मिल चुका है।