चुनाव के दौरान जोधपुर से बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. मामला पूर्व सीएम अशोक गहलोत से जुड़ा है. ऐसे में यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. आरोप है कि 15 करोड़ रुपये की जमीन पूर्व सीएम अशोक गहलोत के रिश्तेदार को 3.67 करोड़ रुपये में दे दी गई.भजनलाल शर्मा के कार्यालय सीएमओ द्वारा इस पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.। जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि चुनाव के बाद इस मामले पर शायद बड़ी कार्रवाई होगी.
राजस्थान के जोधपुर जिले से लोकसभा चुनाव के बीच जोधपुर से एक बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है.मामला पूर्व सीएम अशोक गहलोत से जुड़ा है. ऐसे में यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. आरोप है कि 15 करोड़ रुपये की जमीन पूर्व सीएम अशोक गहलोत के रिश्तेदार को 3.67 करोड़ रुपये में दे दी गई. यह मामला जोधपुर विकास प्राधिकरण से सामने आया है. पूर्व सीएम गहलोत जोधपुर के रहने वाले हैं. खुलासा हुआ है कि उन्होंने जोधपुर के अपने एक रिश्तेदार को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव दे दी थी. चुनाव के दौरान सामने आए इस मामले ने राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया है.
जोधपुर विकास प्राधिकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तेदार को 15 करोड़ रुपये की जमीन बिना नीलामी के 3.67 करोड़ रुपये में आवंटित करने का आरोप है। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यालय सीएमओ ने भी इस पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि चुनाव के बाद इस मामले पर शायद बड़ी कार्रवाई होगी.
इस पूरे मामले के मुताबिक, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले जोधपुर विकास प्राधिकरण ने बेशकीमती जमीन की नीलामी किए बगैर आंगणवा क्षेत्र में 10 हजार वर्ग मीटर जमीन राजस्थान एजुकेशनल वेलफेयर ट्रस्ट को आवंटित कर दी थी. एक निजी शिक्षण संस्थान. . इतना ही नहीं, जमीन आवंटन से पहले 60 फीट सड़क के निर्माण के साथ-साथ पानी और बिजली की सुविधाएं भी विकसित की गयीं.
बताया जा रहा है कि इस आवंटित भूमि का एकल पट्टा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भांजे के दामाद अतुल सांखला के नाम से जारी किया गया है जो एजुकेशनल वेलफेयर ट्रस्ट के बतौर ट्रस्टी भी है. आवंटित की गई इस जमीन पर जेडीए बोर्ड ने पूर्व में इसे वस्त्र व्यापारी योजना के लिए चिन्हित भी किया था.
जहां नियम विरुद्ध आवंटन के मामले पर राज्य की बीजेपी सरकार ने इस मामले को जांच के लिए नगर विकास विभाग को भेज दिया है. बताया जा रहा है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय से सचिव स्तर के अधिकारी ने जोधपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को फोन कर रिपोर्ट भेजने को कहा था, जहां जेडीए ने भी इस पूरे मामले से जुड़ी जानकारी तथ्यात्मक सहित भेज दी है. जयपुर को रिपोर्ट करें. यह भी पढ़ें- पेपर लीक का जिक्र करते हुए राजस्थान के सीएम भजनलाल ने कहा- अब बड़ी मछलियों की बारी…यह किसका इशारा है?
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