स्वाति मालीवाल केस में सीएम केजरीवाल ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

स्वाति मालीवाल और उनके पीए विभव कुमार के बीच कथित मारपीट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है.मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला फिलहाल कोर्ट में है। इसलिए वे इस पर कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहते। इतना जरुर कहना चाहता हूं कि पुलिस को दोनों पक्षों की शिकायतों को निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल और अपने पीए बिभव कुमार के बीच हुई कथित मारपीट पर पहली बार बयान दिया है। एक इंटरव्यू में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ हुई कथित मारपीट को लेकर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और न्याय मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला फिलहाल कोर्ट में है। इसलिए वे इस पर कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहते। इतना जरुर कहना चाहता हूं कि पुलिस को दोनों पक्षों की शिकायतों को निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए।

जब इनसे पूछा गया कि क्या वह घटना के समय अपने आधिकारिक आवास पर मौजूद थे, आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि वह वहां थे। लेकिन मैं घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। बता दें कि केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पांच दिन की पुलिस हिरासत में हैं। बिभव के खिलाफ स्वाति ने मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं बिभव ने भी स्वाति के खिलाफ थाने में शिकायत दी है। मालीवाल ने आरोप लगाया है कि जब वह 13 मई को मुख्यमंत्री से मिलने गईं तो केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार ने उन पर “हमला” किया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

इससे पहले बुधवार को ही मालीवाल ने कहा था कि पार्टी में सभी पर उनकी छवि को धूमिल करने के लिए ‘बहुत अधिक दबाव’है। राज्यसभा सदस्य मालीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ”कल मुझे पार्टी के एक बड़े नेता का फोन आया। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे हर किसी पर बहुत दबाव है कि उन्हें मेरे खिलाफ बुरी बातें कहनी हैं। उन्हें मेरी निजी तस्वीरें लीक करके मुझे परेशान करना है। कहा जा रहा है कि जो कोई भी मेरा समर्थन करेगा उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ”किसी को संवाददाता सम्मेलन करने का काम मिला है तो किसी को ट्वीट करने की जिम्मेदारी दी गई है। किसी को अमेरिका में बैठे कार्यकर्ताओं को फोन करने और मेरे खिलाफ कुछ चीजें निकालने का काम भी सौंपा गया है।

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