उत्तर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में रैन बसेरा और शेल्टर होम संचालन का आदेश दिया गया है। ठंड एवं शीतलहर को देखते हुए निदेशालय की ओर से सभी नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को निकायों में निराश्रित एवं दुर्बल वर्ग के आश्रयहीन व्यक्तियों के ठहरने, रुकने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किए जाने और रैन बसेरों व शेल्टर होम्स के संचालन के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं।
निदेशक डॉ. नितिन बंसल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सभी नगरीय निकायों में रैन बसेरों/शेल्टर होम्स को मिशन मोड में सक्रिय किया जाए। निर्देशों में रैन बसेरों/शेल्टर होम्स के संचालन के विषय में कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है।
इसके अनुसार, समस्त चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेज, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, श्रमिकों के कार्य स्थलों एवं बाजारों में अनिवार्य रूप से रैन बसेरे/शेल्टर होम्स संचालित किए जाएं। आवश्यकतानुसार नए अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण भी किया जा सकता है। इसके लिए राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं विकास प्राधिकरण आदि द्वारा भी अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाए।
रैन बसेरा/शेल्टर होम्स में ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों, जिनके पास ठहरने की सुविधा नहीं है तथा विशेष रूप से जो चिकित्सा एवं रोजगार आदि के लिए बाहर से आए हैं, रहने की सुविधा दी जाए, जिससे उन्हें खुले में या सड़क या पटरियों पर न सोना पड़े। दिशा निर्देशों में बताया गया कि रैन बसेरा/शेल्टर होम्स में रुकने वाले व्यक्तियों को ठंड से बचाने एवं आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समस्त उपाय, साफ-सफाई, स्वच्छ बेड शीट, कंबल, गरम पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी आदि का प्रबंध किया जाए।
रैन बसेरा/शेल्टर होम्स में महिलाओं और पुरुषों के सोने व शौचालत आदि की व्यवस्था अलग-अलग की जाए। जिला प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को कंबल आदि उपलब्ध कराए जाएं। समस्त रैन बसेरों में केयर टेकर भी तैनात किए जाएं, जिसका नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर रैन बसेरों के गेट पर अवश्य दर्शाया जाए।