क्या जोड़ों का दर्द कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण हो सकता है? एक्सपर्ट से जानिए क्या है इनके बीच संबंध

कमजोर इम्यून सिस्टम आपको कई बीमारियों और संक्रमण का शिकार बना सकता है। पिछले महीनों में लोगों ने कोरोना वायरस जैसे गंभीर संक्रमण पर काबू पाने के लिए अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए हैं। ताकि किसी तरह हम खुद को संक्रमण और वायरस से बचा सकें और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकें।। आपको बता दें कि आपका स्वास्थ्य आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद से कई प्रकार के रोगों और वायरस से आपकी रक्षा करने का काम करता है। ऐसे ही कुछ लोगों के मन में सवाल होता है कि जोड़ों के दर्द के लिए आपका इम्यून सिस्टम कितना जिम्मेदार है। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग गठिया या जोड़ों के दर्द से काफी परेशान होते रहते हैं, जिससे बचाव के लिए लोग हमेशा कुछ न कुछ तरीके अपनाते रहते हैं। तो कमजोर इम्यून सिस्टम  का आपके जोड़ों के दर्द पर क्या प्रभाव होता है, इस विषय को जानने के लिए हमने बात की एक्सपर्ट से

जोड़ों का दर्द और इम्यून सिस्टम के बीच संबंध
डॉक्टर राखी मेहरा का कहना है कि आपके जोड़ों के दर्द या गठिया और इम्यून सिस्टम के बीच संबंध दो तरह से होता है। ऐसा तब होता है जब आपके जोड़ों का दर्द या गठिया आपके ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकता है, साथ ही इम्यून सिस्टम पूरी तरह से आपके जोड़ों के दर्द या गठिया की स्थिति को प्रभावित कर सकती है और इस तरह के कई ऑटोइम्यून स्थितियों को खराब कर सकती है। जिसके कारण आपके शरीर में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में आई सूजन आपके दर्द का कारण बन सकती है जिसका ज्यादातर कारण आपकी इम्यून सिस्टम होता है। वहीं, जिन लोगों का इम्यून सिस्टम लंबे समय तक कमजोर रहता है उन लोगों के ब्लड वेसल्स में सूजन आने लगती है जिस कारण धीरे-धीरे ये सूजन आपके जोड़ों के दर्द का कारण बनने लगती है।

गठिया का दर्द और ऑटोइम्यून रोग
गठिया (Arthritis) के दर्द या जोड़ों के दर्द के पीछे इम्यून सिस्टम  कितना जिम्मेदार है इसके लिए एक्सपर्टका कहना है कि इस ऑटोइम्यून रोग के दौरान आपके शरीर की इम्यूनिटी शरीर की कई कोशिकाओं और हिस्सों पर हमला करना शुरू कर देती है। जिसके कारण आप जोड़ों के दर्द के साथ ही टाइप-1 डायबिटीज और थायराइड जैसी स्थितियों का भी शिकार हो सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ये बात साबित हो चुकी है कि आपके जोड़ों के दर्द के पीछे और गठिया जैसी स्थितियों के लिए इम्यून सिस्टम सीधा प्रभावित करता है।

किस तरह के गठिया को प्रभावित करता है इम्यून सिस्टम
रूमेटाइड गठिया
एक्सपर्ट का कहना है कि ऑटोइम्यून रोग जिस तरीके से आपके शरीर को प्रभावित करता है और जोड़ों के दर्द को पैदा करता है ऐसे ही लंबे समय तक कमजोर इम्यूनिटी भी आपके शरीर में बुरी तरह से प्रभावित करने का काम करती है। जी हां, एक्सपर्ट का कहना है कि जब आपका इम्यून सिस्टम  काफी कमजोर होता है तो वो शरीर के कई हिस्सों में सूजन को पैदा करने का काम करता है जिसके कारण आपको धीरे-धीरे एक समय पर दर्द होना महसूस होने लगता है। ऐसे ही ऑटोइम्यून की स्थिति में रूमेटाइड गठिया (Arthritis) की स्थिति को बढ़ावा मिलता है और ये आपको दर्द देने के साथ सूजन के लक्षण दिखा सकता है।

रेक्टीव गठिया
रेक्टीव गठिया की स्थिति भी आपको ऑटोइम्यून रोग के दौरान ही मिल सकती है जिसके कारण आपकोदर्द और सूजन का अनुभव हो सकता है। आपको बता दें कि ये रेक्टीव गठिया की स्थिति एक संक्रमण के कारण होती है जो आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने के साथ आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। ऐसे ही शरीर के बाकी हिस्सों में भी आपको सूजन दिखाई दे सकती है।

सोरियाटिक गठिया
सोरायाटिक गठिया के दौरान भी आपकी इम्यूनिटी पूरी तरीके से आपको प्रभावित कर रही होती है, इस दौरान आप बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने के लिए काफी कमजोर होते हैं। वहीं, इस स्थिति में अपनी त्वचा में सूजन, जलन, लालिमा और पपड़ीदार पैच का अनुभव कर सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ये स्थिति प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्य प्रतिक्रिया के कारण ही होता है।

पैलिंड्रोमिक गठिया
पैलिंड्रोमिक गठिया एक दुर्लभ गठिया का प्रकार है, आपके प्रभावित हिस्सों पर सूजन और दर्द को तेजी से पैदा करने का काम करता है। आपको बता दें कि पैलिंड्रोमिक गठिया अक्सर उंगलियों, कलाई और घुटनों को प्रभावित करता है। इस दौरान आपको बुखार भी हो सकता है और प्रभावित हिस्से में सूजन और दर्द। इस स्थिति का सीधा कारण ऑटोइम्यून रोग ही होता है जिस कारण आप इसका शिकार होते हैं।

कैसे करें बचाव
एक्सरसाइज
एक्सपर्ट बताती हैं कि एक्सरसाइज आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के साथ आपको लंबे समय तक कई बीमारियों के खतरे से भी दूर रख सकती है। इम्यून सिस्टम को बेहतर तरीके से रखने और ऑटोइम्यून जैसी स्थिति से बचाने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करना आपको गठिया या जोड़ों के दर्द के खतरे से भी दूर रख सकता है साथ ही ये आपके इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। इसलिए एक्सपर्ट की सलाह है कि आप रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें, अगर आप एक्सरसाइज करने में असफल है तो आप रोजाना करीब 30 मिनट तक पैदल चलें या फिर शारीरिक गतिविधियों में शामिल रहें। इससे आप खुद को जोड़ों के दर्द से बचाकर रख सकते हैं।

हेल्दी डाइट लें
आप किस तरीके का भोजन लेते हैं इसका सीधा असर आपके शरीर पर पड़ता है, अगर आप अपनी डाइट में पोषण की पूर्ति नहीं करते हैं तो इससे आपको काफी स्वास्थ्य हानि हो सकती है। वहीं, जब आप एक हेल्दी डाइट नहीं लेते तो इससे आपका इम्यून सिस्टम भी बुरी तरह से प्रभावित होता है और आप एक कमजोर इम्यूनिटी के साथ रहने लगते हैं। जिस कारण आपको कई तरह के संक्रमण और बैक्टीरिया आसानी से शिकार बना लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना हेल्दी डाइट लें जिसमें बहुत सारे पोषण को शामिल किया गया हो। इससे आप जोड़ों के दर्द की समस्या को भी दूर कर सकते हैं साथ ही इससे आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत बनी रहती है।

धूम्रपान कम करें
धूम्रपान बहुत ही खराब आदत है, इसके कारण हर साल हजारों लोग अपनी जान गवां बैठते हैं और कई खुद को गंभीर बीमारियों के खतरे में धकेलते हैं। इसके साथ ही ये आपके इम्यून सिस्टम को सीधे प्रभावित करने का काम करता है जिसके कारण आप कई गंभीर बीमारियों का शिकार बन सकते हैं। ऐसे ही जोड़ों के दर्द के लिए ऑटोइम्यून का कारण भी धूम्रपान है जिसके कारण आपको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि धूम्रपान को कम से कम करें और अल्कोहल का सेवन बंद करें।

जरूरी बातें
एक्सपर्टका कहना है कि इम्यून सिस्टम आपके जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं, अगर आपको जोड़ों के दर्द या गठिया के लक्षण नजर आने लगते हैं। तो आपको बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जिससे आप किसी भी गंभीर स्थिति से खुद को दूर रख सकें।

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