छत्तीसगढ़ के रायपुर और भिलाई नगर निगम में नगरीय ठोस अपशिष्ट पर आधारित कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना के लिए भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) लगभग सौ करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में बुधवार को रायपुर और भिलाई नगर निगम में 100-150 टन प्रति दिन क्षमता के नगरीय ठोस अपशिष्ट पर आधारित कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना के लिए भारत सरकार के उपक्रम बीपीसीएल, राज्य के नगर पालिका निगम रायपुर और भिलाई तथा छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि समझौते पर छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुमित सरकार, बीपीसीएल, मुंबई के मुख्य महाप्रबंधक अनुराग सारावगी, नगर पालिका निगम रायपुर के कमिश्नर अविनाश मिश्रा और नगर पालिका निगम भिलाई के कमिश्नर देवेश कुमार ध्रुव ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज स्वच्छ राज्य और स्वच्छ ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि स्थापित होने वाले दो कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में लगभग 200 से 250 टन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग प्रतिदिन जैव ईंधन के उत्पादन में किया जाएगा। बीपीसीएल द्वारा राज्य में इन दो संयंत्रों की स्थापना के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”इन संयंत्रों की स्थापना से राज्य में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार का सृजन होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में पूर्ण क्षमता से उत्पादन एवं विक्रय होने पर राज्य को प्रतिवर्ष 45 लाख रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्त होगा। साथ ही संयंत्र में सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद पैदा होगी। इससे छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों की स्थापना से राज्य शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ेगा।”