संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचनाओं के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे इस कानून के बारे में ‘झूठ’ फैलाकर सांप्रदायिक भावनाएं भड़का रहे हैं।पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेताओं पर कानून की तीखी आलोचना करने के लिए निशाना साधा और कहा कि यह कानून किसी भारतीय की नागरिकता या फिर नौकरी नहीं छीनता है।
केजरीवाल के इस दावे के संदर्भ में कि केंद्र की भाजपा सरकार भारतीयों को नौकरी नहीं दे सकती, लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वालों को देना चाहती है, प्रसाद ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता ने बहुत अजीब बयान दिया है।प्रसाद ने जोर देकर कहा कि यह कानून उन अल्पसंख्यकों के लिए है जिन्हें तीन देशों में उनके धार्मिक विश्वास के कारण सताया गया। उन्होंने कहा कि ये लोग भारत में कठिन जीवन जी रहे हैं और क्या उन्हें नागरिकता देने में देश नैतिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक रूप से सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि सीएए नागरिकता देने के लिए है और यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता है।प्रसाद ने कहा कि विपक्षी दल यह दुष्प्रचार क्यों फैला रहे हैं। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या वे रोहिंग्याओं के समर्थन में खड़े होंगे।उन्होंने कहा, ”जो लोग सीएए के नाम पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़का रहे हैं, मैं उनसे कहूंगा कि वे इसके बारे में झूठ फैलाना बंद करें।”प्रसाद ने दावा किया कि बनर्जी की जमीन खिसक रही है और यही कारण है कि वह सीएए के मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने दक्षिण भारत खासकर केरल और तमिलनाडु के राजनीतिक दलों से अपील की कि वे नफरत फैलाना बंद करें। उन्होंने दावा किया कि आलोचकों के पास कानून के खिलाफ कोई तर्क नहीं है। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सभी का राजनीतिक आधार डूब रहा है।प्रसाद ने कहा कि भारत ने एक देश के तौर पर अपनी सभ्यतागत विरासत और संवैधानिक दायित्वों के कारण तीनों देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सीएए के तहत संरक्षण प्रदान किया है।पूर्व विधि मंत्री ने अन्य दलों द्वारा शासित कुछ राज्यों के इस दावे को भी खारिज किया कि वे कानून को लागू नहीं करेंगे।
इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता कानून को लागू करना भाजपा की ‘वोट बैंक की घटिया राजनीति’ है। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि सरकार इस कानून को वापस ले।केजरीवाल ने कहा कि इस कानून के साथ केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में गरीब अल्पसंख्यकों के भारत में आने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को कानून को अधिसूचित किए जाने के बाद बनर्जी, केरल में सत्तारूढ़ वाम दल और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक भी कानून का कड़ा विरोध कर रहे हैं।