भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की और इसे ‘बहुत शर्म’ का विषय बताया।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने का राज्य सरकार का फैसला उसकी नैतिकता को दर्शाता है।पुरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अपराध से इनकार नहीं कर रही है बल्कि शेख को राजनीतिक संरक्षण भी दे रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने नहीं बल्कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की है।
मंत्री ने कहा कि पहले राज्य सरकार ऐसी घटनाएं होनी देती है और फिर इस तरह का बर्ताव करती है। उन्होंने कहा, ”यह बहुत शर्म की बात है।”उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों पर भीड़ के हमले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने का मंगलवार को निर्देश दिया था। ईडी के अधिकारी राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में जब पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में शेख के परिसर की तलाशी लेने गए थे तब उन पर भीड़ ने हमला कर दिया था।
अदालत ने राज्य पुलिस से कहा कि वह आरोपी की हिरासत सीबीआई को दे। पुलिस ने हालांकि इससे इनकार करते हुए दावा किया कि राज्य ने उसके आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है। भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि एक महिला मुख्यमंत्री की सरकार वाले राज्य में ऐसा घटनाक्रम हो रहा है।