बर्ड डॉग एक्सरसाइज (Bird Dog Exercise) एक सरल कोर व्यायाम है, जो हमारे स्थिरता में सुधार करके मांसपेशियों और पीठ के दर्द में कमी लाता है। यह एक्सरसाइज आपके कोर, कूल्हों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। पर इन सब से परे ये एक्सरसाइज बैली पैट से परेशान लोगों के लिए बहुत असरदार एक्सरसाइज है। यह एक्सरसाइज महिला हो या पुरुष हर तरह के लोगों के लिए उपयुक्त है। इसका उपयोग वजन घटाने के लिए, रीढ़ को संरेखित करने और पीठ के निचले हिस्से के दर्द से उबरने के लिए किया जा सकता है। कुल मिला कर देखें, तो ये एक अच्छा कोर एक्सरसाइज है। तो आइए जानते हैं इस एक्सरसाइज के बारे में विस्तार से।
बर्ड डॉग एक्सरसाइज कैसे करें
इस अभ्यास के लिए, आपको एक एक्सरसाइज मैट की आवश्यकता होगी। अतिरिक्त कुशनिंग के लिए अपने घुटनों के नीचे एक फ्लैट कुशन या फोल्ड किया हुआ तौलिया रखें। इसके बाद इस तरह से आप इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं :
- -टेबलटॉप स्थिति में सभी शरीर के पैरों और हाथों को फैला कर आ जाएं।
- -अपने घुटनों को अपने कूल्हों और अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें।
- -अपने पेट की मांसपेशियों को मिलाकर रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- -अपने कंधे को एक साथ खींचें।
- -अपने दाहिने हाथ और बाएं पैर को उठाएं, अपने कंधों और कूल्हों को फर्श के समानांतर रखें।
- -अपनी गर्दन के पिछले हिस्से को लंबा करें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से टकराकर फर्श पर टिकाएं।
- -कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें, फिर वापस प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।
- -अपने बाएं हाथ और दाहिने पैर को उठाएं, कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें रहें।
- -इसका 2-3 सेट करें।
शुरू करने से पहले इन थंब रूल्स को मानें:
- -धीमे चलें और अपनी गति को धीरे-धीरे बढ़ाएं
- -बार-बार इस करते समय इसे सही करने के तरीके पर अधिक ध्यान दें।
- -किसी भी ऐसे वर्कआउट को करने से बचें, जो दर्द का कारण बनता हो।
बर्ड डॉग एक्सरसाइज करने के फायदे
बर्ड डॉग एक्सरसाइज के सबसे बड़े फायदे की बात करें, तो इस एक्सरसाइज से पेट पर जोर पड़ता है और इसका असर आपके बैली फैट पर नजर आता है। दरअसल बैली फैट को करने और इस पिघलाने के लिए आपको एक हाई इंटेसिटी वाले एक्सरसाइज करने पड़ते हैं, जो बर्ड डॉग एक्सरसाइज के जरिए आसानी से हो सकता है। इस एक्सरसाइज को करके आप अपने कैलोरी को तजी से बर्न कर सकते हैं, और वजन घटा सकते हैं। वहीं इसका शरीर पर होने वाले कई और फायदे भी हैं, जैसे कि
- -आपके समन्वय और मांसपेशियों के संतुलन को बेहतर बनाता है
- -रीढ़ को स्थिर रखने में मदद करता है
- -कोर की मांसपेशियों में तंत्रिका गतिविधि को उत्तेजित करता है
- -पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है
- -पीठ की स्थिर मांसपेशियों को संरेखित करने और विकसित करने में मदद करता है
- -कमर दर्द को कम करता है
- -बेहतर आसन नियंत्रण में सक्षम बनाता है
- -कंधे की मांसपेशियों को मजबूत और स्थिर करता है
- -कंधे की गतिशीलता में सुधार करता है
- -कूल्हे की मांसपेशियों को विकसित और मजबूत करता है और लचीलेपन में सुधार करता है
- -ग्लूटस मैक्सिमस में मोटर नियंत्रण को मजबूत और बेहतर बनाता है
- -शरीर को स्थिरता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है और रोजमर्रा की गतिविधियों का समर्थन करता है
यह भी पढ़े:
जानिए साइकिल चलाने और दौड़ने में कौन सी एक्सरसाइज आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है