केजरीवाल को SC से बड़ा झटका,अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार

दिल्ली के CMअरविंद केजरीवाल की जमानत अवधि बढ़वाने की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। केजरीवाल ने स्वास्थ्य आधार पर अपनी जमानत अवधि को 7 दिन बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस एएस ओक की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंतरिम जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, पीठ ने देर से आवेदन दाखिल करने पर भी सवाल उठाया।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली शराब मामले में अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने आम चुनाव और प्रचार के मद्देनजर केजरीवाल को 1 जून तक सशर्त जमानत दी थी, साथ ही उन्हें 2 जून को वापस जेल जाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही केजरीवाल की जमानत चार दिन में खत्म हो जाएगी।याचिका में कहा गया था की…फिलहाल केजरीवाल के टेस्ट चल रहें है..किन्तु डॉक्टरों की टीम ने कहा हैं कि कुछ और टेस्ट करने की जरूरत है। इसी क्रम में केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत को 7 दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एएस ओक की अध्यक्षता वाली पीठ ने केजरीवाल की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी।

केजरीवाल ने वजन अचानक 7 किलोग्राम कम हो जाने के कारण कई चिकित्सकीय जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम याचिका को स्वयं सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और सीएम की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पिछले हफ्ते तब क्यों इसका उल्लेख नहीं किया गया, जब सीएम को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ में शामिल न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता अवकाश पीठ में बैठे थे। सीएम को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने की थी।

पीठ ने कहा कि जब न्यायमूर्ति दत्ता पिछले हफ्ते अवकाश पीठ में बैठे थे, आपने तब इसका उल्लेख क्यों नहीं किया? माननीय सीजेआई को निर्णय लेने दें क्योंकि यह औचित्य का मुद्दा उठाता है। हम इसे सीजेआई को भेजेंगे। इस पर सिंघवी ने कहा कि चिकित्सकीय परामर्श परसों मिला था और इसलिए पिछले सप्ताह उस अवकाश पीठ के समक्ष इसका उल्लेख नहीं किया जा सका जिसमें न्यायमूर्ति दत्ता शामिल थे। उन्होंने कहा कि अगर इसे डिजिटल माध्यम से भी उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाता है तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

बता दें कि सीएम केजरीवाल 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं। दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिनों पहले केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 10 मई से 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी। सीएम केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।

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