बार-बार प्यास लगना, जिसे पॉलीडिप्सिया भी कहा जाता है, कई स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत हो सकता है।आज हम आपको बताएँगे बार-बार लगने के कारण।
कुछ सामान्य कारण:
- डिहाइड्रेशन: यह सबसे आम कारण है, खासकर गर्म मौसम में, व्यायाम के दौरान, या जब आप बीमार होते हैं।
- मधुमेह: मधुमेह में, शरीर रक्त में अतिरिक्त शर्करा को बाहर निकालने के लिए अधिक मूत्र का उत्पादन करता है, जिससे निर्जलीकरण और प्यास लग सकती है।
- मधुमेह insipidus: यह एक दुर्लभ बीमारी है जो गुर्दे को पानी को संतुलित करने से रोकती है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था में, शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके लिए अधिक तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है।
- स्तनपान: स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अधिक तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है।
- कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि मूत्रवर्धक, प्यास लगने का कारण बन सकती हैं।
- सूखे मुंह की समस्याएं: कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि सोजोग्रेन सिंड्रोम, शुष्क मुंह का कारण बन सकती हैं, जिससे आपको अधिक प्यास लग सकती है।
- मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां: कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि चिंता या तनाव, प्यास लगने का कारण बन सकती हैं।
अगर आपको बार-बार प्यास लगती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप:
- पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें।
- अपने डॉक्टर से बात करें, खासकर अगर आपको प्यास के साथ अन्य लक्षण भी हैं, जैसे कि बार-बार पेशाब आना, थकान, या वजन कम होना।
- अपने डॉक्टर से अपनी दवाओं के बारे में बात करें, यह देखने के लिए कि क्या वे प्यास का कारण बन सकती हैं।
- किसी भी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज करवाएं जो प्यास का कारण बन सकती हैं।
यह भी ध्यान रखें:
- कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये निर्जलीकरण पैदा कर सकते हैं।
- गर्म मौसम में या व्यायाम करते समय अधिक तरल पदार्थ पिएं।
- स्वस्थ आहार खाएं जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
अगर आपको लगता है कि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य स्थिति हो सकती है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में गोखरू का सेवन जानिए कैसे करे