14 सितंबर 1984 के दिन चंडीगढ़ में जन्मे आयुष्मान खुराना ने अपने अंदाज से अलग पहचान हासिल की है. क्या आप जानते हैं कि इस पहचान को हासिल करने के लिए उन्हें घर से भगाया गया था और उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करने वाला शख्स कोई और नहीं, बल्कि उनके पिता थे. बर्थडे स्पेशल में हम आपको आयुष्मान खुराना की जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं.
पिता के कहने पर घर से भागे
अक्सर बच्चे अपने ख्वाबों को पूरा करने के मकसद से घर छोड़ देते हैं. कुछ ऐसा ही आयुष्मान खुराना के साथ हुआ. वह भी अपने करियर के लिए घर छोड़कर चले गए थे, लेकिन ऐसा उन्होंने अपने पिता के कहने पर किया था. आयुष्मान खुराना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद उन्होंने दो महीने का गैप लेने और आरोप करने की योजना बनाई थी. उस दौरान मेरे पिता ने परीक्षा के अगले ही दिन मेरा बैग पैक करा दिया. साथ ही, टिकट भी बुक करा दिया. उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर तुम अभी नहीं गए तो दो साल तक कुछ नहीं होगा. अगर अभी जाते हो तो सप्ताह भर में तुम्हें काम मिल जाएगा.
इस एक्ट्रेस की वजह से एक्टर बने आयुष्मान
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आयुष्मान सिर्फ अपने पिता के कहने पर ही एक्टर नहीं बने. वह तो बचपन से ही अभिनय की दुनिया में कदम रखने का फैसला कर चुके थे. दरअसल, जब वह महज चार साल के थे. उस दौरान वह चंडीगढ़ के जगत सिनेमा में अपने पैरेंट्स के साथ अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की फिल्म तेजाब देखने गए थे. उस फिल्म को देखने के बाद ही आयुष्मान खुराना ने एक्टिंग की दुनिया में काम करने का मन बना लिया.
कभी ट्रेन में गाने गाते थे आयुष्मान
बता दें कि एक वक्त ऐसा भी रहा, जब आयुष्मान खुराना ट्रेन में गाने गाते थे. उन्होंने कपिल शर्मा शो के दौरान बताया था कि अपने स्ट्रगल के दिनों में वह पश्चिम एक्सप्रेस से लेकर पंजाब मेल तक में अपने दोस्तों के साथ गाने गाते थे. उस दौरान लोगों को आयुष्मान की आवाज इतनी ज्यादा पसंद आती थी कि वे खुशी-खुशी आयुष्मान को पैसे देते थे. वहीं, टीसी भी आयुष्मान के गानों की काफी तारीफ करते थे.
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