उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूर्वांचल एवं भदोही के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र की नकेल ढिली करने के मूड में फिलहाल नहीं दिखती है। उनकी चल-अचल सम्पति को जब्त करने का सिलसिला जारी है। जिला मजिस्ट्रेट भदोही के आदेश पर नई दिल्ली और प्रयागराज में तीन बहुमंजिला इमारात को कुर्क किया गया है। जिसकी कुल अनुमानित कीमत 01 अरब 13 करोड़ 05 लाख रुपए बताई गईं है।
पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यान के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट विशाल सिंह ने 15 मार्च को पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र की दिल्ली स्थित दो और प्रयागराज स्थित एक संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था। भदोही पुलिस ने दिल्ली और प्रयागराज पुलिस से संपर्क कर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर तीनों संपत्तियों को कुर्क कर लिया हैं। भदोही पुलिस अधीक्षक के अनुसार जो संपत्तियां कुर्क की गयीं हैं
वह सभी आपराधिक कृत्यों के जरिए हासिल की गई थी। नई दिल्ली स्थित अपने बेटे विष्णु मिश्र, दामाद हरिशंकर मिश्र और बेटी सीमा मिश्र के नाम यह संपत्ति खरीदी थी। जिसकी क़ीमत 78 करोड़ रुपए हैं। जबकि जनपद प्रयागराज में साकेत अस्पताल के नाम से संचालित इमारत को भी कुर्क किया गया है। यह दामाद हरिशंकर मिश्रा के नाम बनवाया था। तीन मंजिला इमारत की कीमत 35 करोड़ ₹5 लाख है।
पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी के अनुसार बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ है गैंगस्टर एक्ट के कार्रवाई की गई है। उन्होंने आरोपित करते हुए बताया कि विजय मिश्रा पर हत्या, लूट, बलात्कार, मारपीट संपत्ति हड़पने, जालसाजी जैसे भदोही और दूसरे जनपदों में 83 अभियोग पंजीकृत है। विजय मिश्र गैंग लीडर का काम करते थे।
भदोही पुलिस अधीक्षक के अनुसार नई दिल्ली स्थित कोपिया बिल्डिंग के द्वितीय तल को क्रय कर उसमें काफी पैसा खर्च करके साज-सज्जा व आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन बनाया गया था। जिसकी अनुमानित कीमत 70 करोड़ रुपए है। इसके अलावा आनंद लोक के प्रथम तल की अनुमानित कीमत 08 करोड़ रुपए बताया है। इसे पूर्व विधायक विजय मिश्र ने अपने सगे पुत्र विष्णु मिश्र के नाम से ख़रीदा था।
जबकि अपने दामाद हरिशंकर मिश्र के नाम जनपद प्रयागराज स्थित बाघम्बरी गृह संस्थान योजना में आधुनिक सुविधाओं से युक्त तीन मंजिला भवन जिसकी अनुमानित कीमत 35 करोड़ 05 लाख रुपए है उसे ख़रीदा था। उसमें साकेत हॉस्पिटल संचालित कराया जा रहा है ताकि अपने अवैध धन को वैध बनाया जाय। भदोही पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि विजय मिश्र के खिलाफ या कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी।
पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व विधायक विधायक का एक वह दौर भी था जब उनके आदेश के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता था। लोग विजय मिश्र के नाम से थर्राते और काँपते थे। पुलिस और अधिकारियों के लिए उनका नाम ही काफी था। यह वही विजय मिश्र थे जिन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव भदोही में उपचुनाव के दौरान खुद अपने हेलीकॉप्टर पर बैठाकर उड़ गए थे। प्रदेश में उस समय मायावती का शासन था।
विजय मिश्र को गिरफ्तार करने में लगी भदोही पुलिस हाथ मलती रह गई थी। वह इस समय बलात्कार एवं अन्य मामलों में जेल में बंद हैं। लेकिन समय के साथ विजय मिश्र की राजनीतिक हैसियत अर्श से फर्श पर आ गई। मुलायम सिंह के चहेते विजय मिश्र पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगाह टेढ़ी हो गई। कभी जो पुलिस और अफसर उनके यहाँ सलामी ठोकते थे अब उन्हीं के गले की हड्डी बन गए हैं।
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