दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान SC ने आम चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग समेत कुछ सवालों पर ED से जवाब मांगा है.
सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने आम चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के टाइमिंग समेत कुछ सवालों पर ED से जवाब मांगा है.पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एएसजी एसवी राजू से पूछा- लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को क्यों गिरफ्तार किया गया. आज़ादी बहुत ज़रूरी है, आप इसे नकार नहीं सकते.
शीर्ष अदालत ने ईडी से उसके जवाब और कार्यवाही शुरू होने तथा कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच के समय के अंतर के बारे में बताने को कहा। ईडी को यह भी जवाब देना होगा कि क्या कोई न्यायिक कार्यवाही चल रही है. क्या आप आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी का समय बताने को कहा कोर्ट ने 5 सवालों के जवाब के साथ सुनवाई की तारीख 3 मई रखी.
सुप्रीम कोर्ट ने ED से पूछे 5 सवाल
1. क्या बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के विजय मदनलाल चौधरी या अन्य मामले में जो कहा गया है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है? (जस्टिस खन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मामले में अब तक कोई कुर्की नहीं हुई है। अगर हुई है तो ED को यह बताना होगा कि उनका संबंध कैसे था)
2. मनीष सिसोदिया मामले में फैसले के दो हिस्से हैं- एक, जो उनके पक्ष में है, दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है। केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?
3. PMLA के सेक्शन-19 की व्याख्या कैसे की जाए, क्योंकि केजरीवाल जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ आ रहे हैं। यदि वे बाद का रास्ता अपनाते हैं तो उन्हें PMLA के सेक्शन-45 के तहत उच्च प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा?
4. मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय। (इस संबंध में यह बताया गया कि अंतर के गंभीर नतीजे होंगे। चूंकि धारा 8 न्यायिक प्रक्रिया के लिए 365 दिनों की अधिकतम समय सीमा निर्धारित करती है)
5. गिरफ्तारी की टाइमिंग। चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया?
ईडी ने शुक्रवार दोपहर को जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 3 मई को होगी.
कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की शुरुआत की. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई दस्तावेज है जो यह स्पष्ट कर सके कि किस पर भरोसा किया गया और किस पर नहीं। सिंघवी ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है.
इस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने अभिषेक सिंघवी से कुछ सवाल भी पूछे जैसे गोवा चुनाव की तारीख क्या है? शराब नीति कब बनी और कब लागू हुई? सिंघवी ने कहा, नीति लागू होने से एक साल पहले यानी 2021 में तैयार की गई थी.
बताते चलें कि अदालत में सोमवार से यह सुनवाई जारी है. बीते दिन अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ईडी ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. या तो उसके पास पर्याप्त सबूत हैं, या कोई ऐसा आधार है जिसके बारे में हमें नहीं पता. जिन बयानों के आधार पर केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है वे 7 से 8 महीने पुराने हैं. राघव मगुंटा ने 4 बयान दिए- सभी बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अगर ईडी को लगता है कि अरविंद केजरीवाल मामले में दोषी हैं तो जांच एजेंसी ने उन्हें इतने समय तक खुला घूमने दिया? सितंबर 2022 में मामला सामने आया, तबसे कोई कार्रवाई नहीं की,अचानक गिरफ्तार किया. वह कोई दुर्दांत अपराधी या आतंकवादी नहीं हैं जो फ्लाइट पकड़ कर भाग जाएंगे.
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