जेडीएस सांसद और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. वह सैकड़ों महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों से घिरे हैं लेकिन गायब हैं. मामले की जांच एसआईटी कर रही है, जिसने रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था.हालांकि, रेवन्ना अभी फरार चल रहे हैं.एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकी देने और साजिश रचने के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शनिवार (18 मई) को वारंट जारी किया
एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकी देने और साजिश रचने के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शनिवार (18 मई) को वारंट जारी किया।रेवन्ना के पिता और होलेनरसीपुरा विधायक एचडी रेवन्नायौन उत्पीड़न मामले में जनता दल (सेक्युलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकी देने और साजिश रचने के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शनिवार (18 मई) को वारंट जारी किया। भी एक महिला के अपहरण के मामले में आरोपी हैं. इस मामले में वह चार दिन पुलिस हिरासत और सात दिन जेल में बिता चुके हैं. अब जमानत पर बाहर हैं.
ये पूरा मामला बेहद हाई प्रोफाइल है. प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप हैं. उत्पीड़न का कथित वीडियो सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था.भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हासन लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तीन महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज करवाए हैं. फरार चल रहे रेवन्ना के खिलाफ इंटरपोल की ओर से ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है.इस नोटिस के तहत किसी व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण हासिल किया जाता है. यह किसी ऐसे व्यक्ति का पता लगाने के लिए भी जारी किया जाता है जो लापता हो या पहचान छिपा रहा हो. अज्ञात अंतरराष्ट्रीय अपराधी या सामान्य आपराधिक कानून के उल्लंघन के मामले में वांछित व्यक्ति के लिए भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है, ताकि प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा सके.
प्रज्वल रेवन्ना के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो सामने आए जिसमें वह कथित तौर पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने रेवन्ना के कथित अत्याचारों की जांच के लिए कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी की सिफारिशों पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था.
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