झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गोंदपुर मैदान, खरसावां में आयोजित किसान मेला में कहा कि झारखण्ड प्रदेश का सृजन वर्ष 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयास से हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। जय किसान का नारा आज इस किसान मेला में फलीभूत होते हुए दिख रहा है।
किसान सम्मान निधि ने किसानों को दिलाया लाभ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित में कई नए योजनाएं शुरू की हैं। किसान सम्मान निधि के माध्यम से उन्हें 6000 रुपये की सम्मान राशि प्राप्त हो रही है। पूर्व में फसल बीमा योजना के तहत जब पूरा इलाका बाढ़ या सुखाड़ से प्रभावित होता था तब कृषकों को बीमा का लाभ मिला करता था लेकिन अब एक अकेला किसान का खेत बाढ़ या सुखाड़ से प्रभावित होता है तो उन्हें भी बीमा का लाभ मिलता है।
किसानों को ड्रोन से खूब मिल रहा लाभ
किसान मेला के आयोजन से लोगों को आपस में संवाद करने आधुनिक तकनीकी एवं आधुनिक उपकरणों से कृषि कार्य करने इत्यादि की जानकारी होती है। प्रधानमंत्री किसानों, आदिवासियों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। ड्रोन के माध्यम से खाद एवं कीटनाशकों के छिड़काव की व्यापक योजनाएं बनाई गयी है और इससे लोगों को लाभ मिलना शुरू हो गया है। इससे कृषकों का श्रम कम लगेगा एवं लागत भी कम होगी।
मशरूम और मिलेट्स में अपार संभावनाएं
राज्यपाल ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखण्ड को सबसे अधिक एकलव्य विद्यालय का सौगात दी है। मुंडा भारत के प्रथम जनजातीय कृषि मंत्री है और उनके नेतृत्व में निश्चित ही कृषि के क्षेत्र में क्रांति होगी। विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में वहां की जलवायु एवं पर्यावरण के कृषि क्षेत्र में अनुकूल विकास होगा। उन्होंने किसान मेला में आधुनिक तकनीक से किए मशरूम उत्पादन एवं मोटे अनाज (मिलेट्स) के विभिन्न उत्पादों को देखकर कहा कि इससे इस क्षेत्र में काफी विकास होने की संभावना है।