एपल व इसके अन्य आपूर्तिकर्ता भारत में अगले दो-तीन साल में सालाना 5 करोड़ आईफोन बनाएंगे। एपल की रणनीति चीन पर निर्भरता कम कर अन्य देशों में आपूर्ति शृंखला को ले जाना है। रणनीति सफल हुई तो भारत वैश्विक आईफोन उत्पादन में इस दशक के अंत तक एक चौथाई का योगदान कर सकेगा।
एपल की प्रमुख आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने पिछले माह भारत में करीब 13,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की थी। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत मिल रही सब्सिडी से एपल की आपूर्तिकर्ता कंपनियां भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ा रही हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, कर्नाटक में फॉक्सकॉन के कारखाने से अप्रैल से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इसका लक्ष्य सालाना 2 करोड़ मोबाइल फोन बनाने का है। इसमें ज्यादातर आईफोन होंगे। कंपनी दूसरा कारखाना भी लगाने की तैयारी में है। एपल ने पिछले वित्त वर्ष में 58,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईफोन असेंबल भारत में किया था।
टाटा की तमिलनाडु में भी आईफोन बनाने की योजना
टाटा समूह तमिलनाडु में भी आईफोन बनाने की योजना बना रहा है। दो वर्षों में इसमें 20 असेंबली लाइन होंगी और 50,000 कर्मचारी हो सकते हैं। समूह पहले से ही आईफोन बनाने के लिए कर्नाटक में विस्ट्रॉन की फैक्टरी खरीद चुका है। समूह ने देश में एपल की महत्वाकांक्षाओं का दोहन कर सबसे बड़ा आईफोन असेंबली संयंत्र बनाने की योजना बनाई है।