पीरियड्स के दिनों में महिलाओं में वजाइना से ब्लीडिंग की आम समस्या है। मगर सामान्य दिनों में योनि से रक्तस्राव होना असामान्य है। कई बार पीरियड्स के दौरान भी अगर सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है या ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग हो रही है, तो ये असामान्य हो सकता है।ज्यादातर महिलाएं इसे पीरियड्स का प्रभाव या सामान्य कारण मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन कई बार बिना कारण योनि से होने वाला रक्तस्राव (Causes of Vaginal bleeding) कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। आइए आपको बताते हैं वजाइना से होने वाला रक्तस्राव किन समस्याओं का हो सकता है संकेत।
वजाइना से असामान्य ब्लीडिंग के हो सकते हैं ये कारण-
1. गर्भाशय की दीवार में सूजन- बच्चेदानी में सूजन के एक प्रमुख लक्षणों में से एक है वैजाइनल ब्लीडिंग। दरअसल, बच्चेदानी में सूजन का कारण एंडोमेट्राइटिस (Endometriosis) भी है। इस दौरान गर्भाशय के भीतरी परतों में सूजन आ जाती है और लंबे समय तक इसका उपचार ना करवाने से ये गंभीर रूप ले कर असामान्य ब्लीडिंग का कारण होता है। इसके अलावा गर्भाशय की दीवार में सूजन बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है जिसमें भी ब्लीडिंग की संभावना रहती है।
2. गर्भाशय में फाइब्रॉइड का होना- असामान्य ब्लीडिंग गर्भाशय में फाइब्रॉइड का होना का सबसे आम लक्षण है। अगर ट्यूमर गर्भाशय गुहा के भीतर या गर्भाशय की परत के पास स्थित है, तो ये पीरियड्स के अलावा भी ज्यादा ब्लीडिंग होने का कारण होता है। ऐसे में डॉक्टर को दिखा कर इसका इलाज करवाना जरूरी है।
3. अचानक ज्यादा वजन घट जाने के कारण- असामान्य ब्लीडिंग और अचानक से वजन घटने के बीच वैसे तो कोई रिश्ता नहीं है पर कई बार देखा गया है कि वजन का आपके शरीर के हार्मोन संतुलन पर प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार, कम वजन होने से स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव हो सकता है
4. अचानक से वजन बढ़ जाने के कारण- तनाव और डायबिटीज जैसे बीमारियों में कई बार तेजी से वजन बढ़ने लगता है और जिसके कारण असामान्य ब्लीडिंग हो सकती है। दरअसल, ये दोनों ही स्थितियां हार्मोनल डिसबैलेंस की ओर ले जाती हैं और कई बार पीसीओडी (PCOD) का कारण बनती हैं। जिसकी वजह से भी पीरियड्स के अलावा ब्लीडिंग होती है।
5. गर्भाशय में पॉलीप्स का होना- गर्भाशय में पॉलीप्स का मतलब है कि गर्भाशय की दीवार पर ढेर सारे छोटे-छोटे उभार, जो कि र्भाशय ग्रीवा यानी कि योनि और गर्भाशय के बीच की संरचना है पर विकसित होते हैं,। कुछ मामलों में, पॉलीप्स असामान्य ब्लीडिंग का कारण बन सकता है और इसे हटाने की जरूरत हो सकती है।
6. गर्भाशय, योनि या अंडाशय का कैंसर होना- गर्भाशय में कैंसर (Uterus Cancer) ज्यादातर उन महिलाओं को प्रभावित करता है जो मेनोपॉज तक पहुंच चुकी हैं। इसका मतलब है कि उनके पास अब उन्हें पीरियड्स नहीं हो रहा है और ये अनियमित ब्लीडिंग गर्भाशय कैंसर का लक्षण है।
7. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी स्थिति है जो अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकती है, साथ ही पीरियड्स के बीच कुछ ब्लीडिंग भी हो सकता है। अन्य लक्षणों में प्रजनन क्षमता की समस्याएं, वजन बढ़ना, ऑयली स्किन और मुंहासे होना आदि शामिल हैं। अंडाशय कैंसर, अंडाशय में होता हैं। इसमें असामान्य रूप से कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं और संक्रमण का कारण बनती है। जब ये प्रक्रिया शुरू होती हैं, तो इसके एक लक्षणों में वजाइन ब्लीडिंग भी है।
8. गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग या आईयूडी डिवाइस के प्रयोग के कारण-पीरियड्स के अलावा अनियमित ब्लीडिंग का कारण गर्भनिरोधक दवाएं भी हो सकती हैं। दरअसल, ये हार्मोनल डिसबैलेंस पैदा करती हैं जिससे अनियमित रक्तस्राव तोता है। यह आमतौर पर गर्भनिरोधक का उपयोग करने के पहले 3 महीनों के दौरान ही होता है। इसके अलावा आईयूडी डिवाइस के प्रयोग के कारण भी वजाइनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
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