राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद यादव ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा देने का कारण पार्टी में उनकी उपेक्षा बताया है. बता दें कि 13 अप्रैल को राजद के वरीय नेता वृषिण पटेल ने इस्तीफा दे दिया था. देवेन्द्र प्रसाद यादव के इस्तीफे से पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
संसदीय चुनाव के बीच राजद देवेन्द्र प्रसाद यादव ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वह अब राजद की नीति से सहमत नहीं हैं. राजद में राज के लिए ही नीति चल रही है, जबकि राज और नीति में सामंजस्य जरूरी है. सिद्धांत विहीन राजनीति का अर्थ है आत्मा विहीन शरीर। उन्होंने आगे लिखा कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि मुझे एक पल भी राजद में नहीं रहना चाहिए. आपको बता दें कि देवेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. उन्होंने पूर्णिया में पप्पू यादव को महागठबंधन से टिकट नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की थी.
आपको बता दें कि एक के बाद एक बड़े नेता राजद से इस्तीफा दे रहे हैं. इसी क्रम में 13 अप्रैल को राजद के वरिष्ठ नेता वृषिण पटेल ने इस्तीफा दे दिया था. वृषिण पटेल ने इस्तीफा देते हुए राजद पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, राजद को समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है. राजद को सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द में कोई विश्वास नहीं है. मैं भारी मन से राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.
बता दें कि वृषिण पटेल बिहार के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक रहे हैं और कुर्मी जाति के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं. वह बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं और पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं. यहां यह भी बता दें कि वृषिण पटेल से पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. अशफाक करीम जेडीयू में शामिल हो गए हैं.
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